'हां मैं Nepo किड हूं, मैं इसे झुठला नहीं सकता...', Nepotism पर चिराग पासवान ने खुलकर दिया जवाब
चिराग पासवान ने अपने खास इंटरव्यू में कहा कि अधिकांश शैक्षनिक संस्थानों में पढ़ने और पढ़ाने वाले बिहारी होते हैं. उनका कहना है कि हमें बिहारियों के पलायल को रोकने की जरूरत है. नेता चिराग ने आगे कहा कि बिहार में जमीन खरीदाना वर्तमान समय में इतना मुश्किल है कि आपकी उम्र निकल जाएगी मगर आप बिहार में जमीन नहीं खरीद सकते हैं. इसलिए में चाहता हूं कि धीरे- धीरे हमारा बिहार विकास की तरफ अग्रसर हो.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार के युवा नेताओं में सबसे पसंदीदा नेता माने जाते हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवान ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कुछ ऐसा बोल बैठे की फैंस उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. दरअसल चिराग पासवान से सवाल किया गया कि Nepotism पर आपकी क्या राय है तो उन्होंने कहा कि 'हां मैं Nepo किड हूं मैं इस बात को स्वीकार करता हूं.' मुझे इस बात के ऊपर गर्व होता है कि मैं राम विलास पासवान जी का बेटा हूं.
आरक्षण वाले सवाल पर दिया तीखा जवाब
मंत्री चिराग पासवान ने देश में आरक्षण के सवालों पर जवाब दिया कि ये कोई खैरात नहीं है संवैधानिक अधिकार है. उनका कहना है कि संविधान पर अगर आप सवाल खड़ा कर देते हैं तो मतलब आप बाबा साहब पर उंगली उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में जातीय जनगणना हो चुकी है. लेकिन मैं चाहता हूं कि जाति से उठ कर नेताओं की कद्र होनी चाहिए.
"I am a Nepo kid, I can't shy away from that fact," says Union Minister Chirag Paswan#ANIPodcast #SmitaPrakash #ChiragPaswan #Bihar
— ANI (@ANI) July 17, 2024
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नेता तेजस्वी यादव पर कह दी बड़ी बात
नेता चिराग ने आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव के साथ रिलेशन वाले सवाल पर बोले कि किसी के मां बहन को गाली देना कहा तक सही है. मैंने बहुत गालियां सुनी है पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर. कई लोग मुझे बोले कि एकतरफा प्यार है अकेला हनुमान बना फिरता है. मगर मैं सिर्फ उन बातों पर ध्यान देता था कि जो पीएम मोदी बोलते थे. उनकी बातें मुझे हर समय प्रभावित करती है.
आज भी दलितों को अधिकार नहीं- चिराग
चिराग ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी दलितों को मंदिरों में जाने पर रोका जाता है. युवाओं को घोड़ी चढ़ने नहीं दिया जाता. इसलिए मैं दलितों की उम्मीद बनना चाहता हूं और उनकी उम्मीदों को पूरा करना चाहता हूं. मगर सच तो ये है कि मैं जात-पात को नहीं मानता. मैं ऐसे दिन की कल्पना करता हूं कि लोगों के अंदर इस तरह की भावना न हो. उनका कहना है कि मेरे पिता ने भी इन बंदिशों को झेला है और आज भी कई लोग गावों में झेल रहे हैं. इतना ही नहीं उनका कहना है कि बिहार में अगर सही तरीके से काम किया जाए तो बिहार एक दिन नंबर-1 राज्य बनकर सामने आएगा.