योगी सरकार का बड़ा एक्शन, 'दस का दम' से दहले अपराधी
Yogi Adityanath crime control: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में चल रहे 'दस का दम' अभियान ने अपराधियों की कमर तोड़ दी है. मिशन शक्ति फेज-5 के तहत यूपी पुलिस ने दस विशेष ऑपरेशन चलाकर एक लाख से अधिक अपराधियों पर शिकंजा कसा है, जिनमें ऑपरेशन त्रिनेत्र सबसे प्रभावशाली साबित हुआ है.

Yogi Adityanath crime control: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का प्रभाव अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है. पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने न केवल एक लाख से अधिक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि 227 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ों में ढेर भी किया. महिला सुरक्षा और समाज के कमजोर वर्गों की रक्षा को लेकर शुरू किए गए मिशन शक्ति फेज-5 के अंतर्गत 'दस का दम' नामक विशेष अभियान चला गया, जिसमें यूपी पुलिस ने संगठित और साइबर अपराधों के खिलाफ अभूतपूर्व कार्रवाई की.
'दस का दम' अभियान के तहत यूपी पुलिस ने ऑपरेशन गरुड़, ईगल, मजनू, रक्षा, बचपन, खोज, शील्ड, डेस्ट्राय, नशा मुक्ति और त्रिनेत्र जैसे दस विशेष ऑपरेशन चलाए. इन अभियानों के जरिए महिलाओं, बच्चों, युवाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई, वहीं ऑपरेशन त्रिनेत्र के माध्यम से जघन्य अपराधों का खुलासा कर अपराधियों को बेनकाब किया गया.
क्या है 'दस का दम'?
डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप मिशन शक्ति फेज-5 के तहत दस प्रमुख अभियान चलाए गए. 'दस का दम' की अवधारणा को धरातल पर उतारते हुए, इन अभियानों के जरिए प्रदेशभर में 1 लाख से अधिक अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई. यह अभियान अपराधियों के लिए काल साबित हुआ है.
ऑपरेशन त्रिनेत्र बना अपराधियों का काल
ऑपरेशन त्रिनेत्र के अंतर्गत प्रदेश के संवेदनशील इलाकों की पहचान कर 11,07,782 से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए, जिन्हें थानों से जोड़ा गया. यह तकनीकी पहल इतनी प्रभावी साबित हुई कि डकैती और लूट समेत 5,718 जघन्य अपराधों का सफलतापूर्वक खुलासा किया गया.
ऑपरेशन मजनू और गरुड़
स्कूल-कॉलेजों के आसपास महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए ऑपरेशन मजनू चलाया गया, जिसमें 7,554 स्थानों पर कार्रवाई करते हुए 58,624 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई हुई. वहीं ऑपरेशन गरुड़ के तहत महिलाओं से जुड़े साइबर अपराधों की 2,597 एफआईआर की जांच की गई और 498 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया.
ऑपरेशन ईगल और रक्षा
ऑपरेशन ईगल के अंतर्गत जेल से बाहर आए 7,963 अपराधियों में से 5,166 को चिन्हित कर 2,683 को दोबारा गिरफ्तार किया गया, वहीं 4,294 के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई. ऑपरेशन रक्षा के तहत स्पा और मसाज पार्लरों में छिपी मानव तस्करी पर शिकंजा कसते हुए 56 महिलाओं और बालिकाओं को रेस्क्यू किया गया और 49 को पुनर्वासित किया गया.
ऑपरेशन बचपन और खोज
बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन बचपन में 2,860 बच्चों को मुक्त कराया गया, जबकि 1,207 मामलों में कार्रवाई की गई. वहीं ऑपरेशन खोज के तहत रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और आश्रयगृहों से 3,327 गुमशुदा बच्चों को पुनर्वासित किया गया.
ऑपरेशन शील्ड, डेस्ट्राय और नशा मुक्ति
ऑपरेशन शील्ड में 29,773 एसिड दुकानों की जांच कर 725 के खिलाफ कार्रवाई हुई. ऑपरेशन डेस्ट्राय के तहत अश्लील सामग्री से जुड़े 748 मामलों में अभियोग दर्ज किए गए. वहीं ऑपरेशन नशा मुक्ति में 4,750 हॉटस्पॉट चिन्हित कर 2,752 मुकदमे दर्ज किए गए और 33,391 व्यक्तियों पर कार्रवाई की गई.