Rajasthan: जयपुर के ब्रह्मपुरी क्षेत्र के निवासी अनुज के साथ 18 अगस्त को एक गंभीर और हैरान करने वाली घटना घटी. दरअसल अनुज अपने दोस्त सोनी के साथ नाहरगढ़ पहाड़ियों पर घूमने गया था उसका अपहरण कर लिया गया. अपहरणकर्ताओं ने अनुज को उसके पहनावे और स्टाइल के आधार पर धनी परिवार का मानते हुए अपना निशाना बनाया. उन्होंने अनुज को बंधक बना लिया और उसके मुंह को टेप से ढक दिया साथ ही हाथ-पैर भी बांध दिए और उसे अपने साथ एक कार में ले जाकर, उसके दोस्त को रास्ते में ही छोड़ दिया.
गुमशुदगी की रिपोर्ट हुई दर्ज
जब अनुज अपने घर नहीं लौटा तो उसके माता-पिता ने पुलिस में लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज कराई. इस पर जयपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. पुलिस ने अनुज के दोस्त सोनी से पूछताछ की और ड्रोन का उपयोग करके नाहरगढ़ पहाड़ियों की खोज शुरू की. पुलिस ने कई टीमों को तैनात किया क्योंकि उन्हें अंदाजा था कि अनुज का अपहरण किया गया है और उसकी खोज में हर संभव प्रयास किए जा रहे थे.
अपहरणकर्ताओं ने मांगी 20 लाख की फिरौती
हालांकि अपहरणकर्ताओं ने अनुज के माता-पिता से फिरौती के रूप में 20 लाख रुपये की मांग की थी. इस दौरान अनुज की मां ने पैसे का इंतजाम करने के लिए समय मांगा और फिरौती की कॉल के बारे में पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने तुरंत अपहरणकर्ताओं के फोन नंबर की ट्रैकिंग शुरू की और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखना शुरू किया. अपहरणकर्ता अपने स्थान को बार-बार बदल रहे थे जिससे उनकी पकड़ काफी मुश्किल हो रही थी.
सफल हुआ मिशन
इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने अनुज की मां को कॉल करके पैसे लाने और कालका-शिमला एक्सप्रेस ट्रेन के अंतिम डिब्बे में बैठने का निर्देश दिया. पुलिस ने इस जानकारी के आधार पर ट्रेन रूट पर रणनीतिक रूप से टीमों को तैनात किया. जब अपहरणकर्ताओं ने परिवार से धर्मपुर रेलवे स्टेशन पर पैसे का बैग फेंकने के लिए कहा तो पुलिस ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया जो वहां पैसे लेने के लिए इंतजार कर रहा था. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की जिससे अन्य आरोपियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी.
पुलिस टीम की हुई प्रशंसा
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अनुज को 27 अगस्त को एक होटल में बंधक स्थिति से मुक्त किया. उस समय अनुज सो रहा था और जब पुलिस ने उसे जगाया तो उसने राहत की सांस ली. वायरल हुए वीडियो में पुलिसकर्मी अनुज को सुरक्षित बताकर उसे ढाढ़स बंधाते हुए देखे जा सकते हैं. जयपुर पुलिस के इस उत्कृष्ट प्रयास की सराहना की गई और पुलिस आयुक्त बिजू जॉर्ज जोसेफ ने विभिन्न विभागों की मेहनत और पेशेवरता की प्रशंसा की है. इस मामले ने साबित किया कि पुलिस की तत्परता और सटीक कार्रवाई से मुश्किल से मुश्किल मामलों को भी हल किया जा सकता है. First Updated : Wednesday, 28 August 2024