कांग्रेस अध्यक्ष को पुलिस के वाटर कैनन ने बनाया निशाना, बेरीकेट से गिर हुए घायल; ऐसे पहुंचे अस्पताल
Madhya Pradesh: भोपाल में युवा कांग्रेस के एक विरोध प्रदर्शन ने बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है. प्रदर्शनकारी जीतू पटवारी की गिरफ्तारी के खिलाफ थे और जैसे ही स्थिति बिगड़ी, पटवारी घायल हो गए. उनकी चोटें कितनी गंभीर हैं इस पर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. इस घटना ने प्रदेश की राजनीति में नया विवाद छेड़ दिया है. अब देखना है कि इस घटना के बाद का असर क्या होता है.
Madhya Pradesh: भोपाल की सड़कों पर हाल ही में एक बड़ा विवाद छिड़ गया, जब युवा कांग्रेस ने अपने राज्य अध्यक्ष जीतू पटवारी की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. यह घटना न केवल राजनीतिक गर्मागर्मी को दर्शाती है बल्कि इसने प्रदेश की राजनीति में भी एक नई हलचल पैदा की है.
युवा कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि राज्य सरकार की नीतियों से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि प्रदेश की जनहित योजनाओं का सही तरीके से कार्य नहीं हो पा रहा है, जिससे लोगों की समस्याएं बढ़ रही हैं.
प्रदर्शन के दौरान जीतू पटवारी हुए घायल
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति अचानक इतनी ज्यादा बिगड़ गई कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भी टकराव हो गया. जीतू पटवारी, जो कि प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे इस झगड़े में बुरी तरह से घायल हो गए. उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है. हालांकि उनकी चोटों की गंभीरता को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन उनकी हालत को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
घायल युवा साथी को अस्पताल
— MP Congress (@INCMP) August 30, 2024
लेकर पहुँचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष :
आज CM निवास घेराव में मोहन सरकार ने बर्बरता की सारे हदें पार कर दी! वाटर कैनन और लाठीचार्ज में घायल हुए युवा साथी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जी स्वयं अस्पताल लेकर पहुँचे और उपचार प्रारंभ करवाया। pic.twitter.com/9lrTP6jva1
पक्ष-विपक्ष हुए हमलावर
इस घटनाक्रम ने राजनीति के गलियारों में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. विपक्षी दल इस घटना को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं, जबकि सत्ताधारी पक्ष का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान उग्रता और हिंसा को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया था.
इस विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में एक बड़ा सवाल उठता है, क्या इस तरह के आंदोलन से प्रदेश की राजनीति में वास्तविक बदलाव आ पाएगा या यह सिर्फ एक अस्थायी उबाल है? फिलहाल, इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल में तनाव काफी बढ़ गया है और अब देखना यह होगा कि आगे स्थिति कैसी बनती है.