e-waste बढ़ने के डर से सरकार ने सस्ते iphone बेचने पर लगाया ब्रेक
कई देशो में refurbished प्रोडक्ट्स का बहुत चलन है और इसी तरह भारत भी refurbished प्रोडक्टस का मार्किट बन गया है। स्मार्टफोन की बात करि जाए तो इसकी मार्किट बहुत बड़ी और काफी चर्चा में है और इसी वजह से एप्पल ने भी भारत में refurbished प्रोडक्ट बेचने की योजना तैयार की थी।
कई देशो में refurbished प्रोडक्ट्स का बहुत चलन है और इसी तरह भारत भी refurbished प्रोडक्टस का मार्किट बन गया है। स्मार्टफोन की बात करि जाए तो इसकी मार्किट बहुत बड़ी और काफी चर्चा में है और इसी वजह से एप्पल ने भी भारत में refurbished प्रोडक्ट बेचने की योजना तैयार की थी। लेकिन इ-कचरा पैदा होने के डर से फोन कंपनी की इस योजना को सरकार ने रद्द कर दिया। बता दे, refurbished मार्किट users के लिए काफी अच्छा प्लैटफॉर्म है जहां पर यूजर्स फोन सस्ते में खरीद और बेच सकते है।
Iphone की उची कीमतों के कारण बहुत सारे यूजर्स उसको खरीद नहीं पाते है लेकिन अगर iphone refurbished मार्किट में आता है तो आम जनता भी उसको खरीद पाएगी। भारत की refurbished मार्केट को देखते हुए एप्पल पिछले काफी सालो से अपने फोन इस मार्किट में उतारने की योजना बना रहा था और इसके लिए आयात-निर्यात की अनुमति के लिए सरकार से बात भी कर रहा था। कहा जा रहा है कि Apple की refurbished आईफोन को बेचने की योजना सरकार ने इसलिए रद्द की है।
क्योंकि नियमों के अनुसार अब भारत में सेकेंड हैंड और यूज डिवाइसेस के इम्पोर्ट का कोई प्रावधान नहीं है। फिलहाल के समय में Apple अपने 4.8 मिलियन iPhones में से 60% बनाता है भारत में इनको बेचने का माध्यम बड़े वैश्विक अनुबंध निर्माता Foxconn, Wistron और Pegatron हैं और इसी के चलते एप्पल अपने refurbished फोन से अपनी हिस्सेदारी मजबूत करना चाह रहा था।
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