5G स्पेक्ट्रम नीलामी हुई समाप्त, क्या डाटा पैक हो जायेंगे महंगे?
26 जुलाई से केंद्र सरकार की ओर से शुरू हुई 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी आज समाप्त हो गई है। अब 20 साल के लिए टेलीकॉम कंपनियों को अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर लीज मिल गई है। इस नीलामी में 72 गीगाहर्ट्ज (GHz) 5G स्पेक्ट्रम मौजूद थे।
26 जुलाई से केंद्र सरकार की ओर से शुरू हुई 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी आज समाप्त हो गई है। अब 20 साल के लिए टेलीकॉम कंपनियों को अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर लीज मिल गई है। इस नीलामी में 72 गीगाहर्ट्ज (GHz) 5G स्पेक्ट्रम मौजूद थे। नीलामी के दौरान रिलायंस जियो इंफोकॉम ने 88,078 करोड़, एयरटेल ने 43,084 करोड़, वोडाफोन-आईडिया ने 18,784 करोड़ जबकि दूरसंचार की दुनिया में पहली बार कदम रख रहे अदाणी डेटा नेटवर्क्स ने 212 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदे हैं।
5G आने के बाद यूजर्स को और ज्यादा तकनीक मिलेगी। बता दे, 4G में इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड 150 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड तक सीमित थी जबकि 5G में यह 10 जीबी प्रति सेकंड तक हो सकती है। जिसके बाद यूजर्स बड़ी से बड़ी फाइल को महज कुछ सेकंड्स में ही डाउनलोड कर सकते है।
इसके अलावा 4G नेटवर्क में अपलोड स्पीड 50 एमबीपीएस तक ही है जो 5G में एक जीबी प्रति सेकंड तक होगी। इसके अलावा 5G नेटवर्क का दायरा 4G के मुकाबलें ज्यादा होगा। जिससे बिना स्पीड कम हुए कई और डिवाइसेज के साथ जुड़ सकेंगे। सबसे अहम बात 4G के मुकाबलें यूजर्स को 5G प्लान के लिए 10 से 30 फीसदी ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।