अब मोबाइल से चेक करिए दवाई नकली है या असली, ये ही सही तरीका
दवाई का मार्केट कितना बड़ा है ये किसी से छुपा नहीं है। वहीं नकली दवाओं का कारोबार भी कितना बड़ा है इसके बारे में भी किसी को ज्यादा कुछ बताने की जरूरत है। लेकिन अब सरकार ने इस पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है।
दवाई का मार्केट कितना बड़ा है ये किसी से छुपा नहीं है। वहीं नकली दवाओं का कारोबार भी कितना बड़ा है इसके बारे में भी किसी को ज्यादा कुछ बताने की जरूरत है। लेकिन अब सरकार ने इस पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। अब मोबाइल से स्कैन करके पता लगाया जा सकेगा कि कोई दवा असली है या नकली। इतना ही नहीं आप मोबाइल से ही उस दवा के साइड इफेक्ट के बारे में भी जान सकते हैं।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने नकली और बेकार क्वालिटी वाली दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 'ट्रैक एंड ट्रेस' सिस्टम शुरू करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाओं पर QR कोड प्रिंट होगा इस कोड को स्कैन करके आप दवा के बारे में पूरी जानकारी हासिल ले सकेंगे। शुरुआत में ऐसी 300 दवाओं की पैकिंग क्यूआर कोड के साथ होगी जो सबसे ज्यादा बिकती हैं।
अब सरकार के इस फैसले के बाद 100 रुपये से ज्यादा कीमत में आने वाली दवाओं जैसे एंटीबायोटिक्स, कार्डिएक, पेन किलर और एंटी-एलर्जी दवा के स्ट्रैप पर क्यूआर कोड प्रिंट होंगे जिन्हें स्मार्टफोन या किसी भी क्यूआर कोड स्कैनर से स्कैन कर सकेंगे। वैसे सरकार की तरफ से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
कैसे स्कैन करें क्यूआर कोड?
· इसके लिए अपने फोन में एप स्टोर से कोई क्यूआर कोड स्कैनर डाउनलोड करें। लेकिन ध्यान रहें कि वो अच्छी कंपनी का हो।
· इसके बाद दवा की कोई स्ट्रैप पर उसके क्यूआर कोड को खोजें।
· इसके बाद क्यूआर कोड स्कैनर एप से उस क्यूआर कोड को स्कैन करें।
· कोड स्कैन करने के बाद फोन की स्क्रीन पर उस दवा की पूरी जानकारी आ जाएगी।