Whatsapp की नई प्राइवेसी पॉलिसी लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को दिया निर्देश
बुधवार 1 फरवरी को की वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने वॉट्सऐप बड़ा निर्देश दिया है। वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बुधवार 1 फरवरी को की वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने वॉट्सऐप बड़ा निर्देश दिया है। वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की है। याचिका में में कहा गया कि वॉट्सऐप यूजर का पर्सनल डाटा फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म को शेयर करता है। जो यूजर्स की गोपनीयता का उल्लंघन है।
कोर्ट ने वॉट्सऐप को दिया निर्देश
कोर्ट ने वॉट्सऐप कंपनी से कहा कि वह केंद्र सरकार को साल 2021 में दिए पत्र को सार्वजनिक करे कि वह नई प्राइवेसी पॉलिसी को नहीं मानने वाले यूजर्स की वॉट्सऐप सर्विस को बंद नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा है कि ‘हम वॉट्सऐप को यह निर्देश भी देते हैं कि इस पहलू के बारे में पांच राष्ट्रीय अखबारों में दो बार वॉट्सऐप यूजर्स को जानकारी दी जाए।’ आपको बता दें कि इस मामले पर 11 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। इससे पहले कोर्ट ने वॉट्सऐप को इस निर्देश का पालन करने को कहा है। इस केस की सनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसफ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने ये आदेश दिया।
संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 31 जनवरी को भी इस मामले की सुनवाई की थी। तब कोर्ट ने कहा बजट सत्र में डाडा संरक्षण विधेयक पेश होने के बाद वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर विचार करेगा। आपको बता दें कि किसी भी यूजर्स का पर्सनल डाटा कंपनियों द्वारा शेयर करना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करता है। सोशल नेटवर्किंग कंपनियां ऐसे किसी भी यूजर्स का डाटा तीसरे पक्ष के साथ शेयर नहीं कर सकती।
वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी
हाल ही में वॉट्सऐप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू की थी। इस पॉलिसी के तहत यूजर्स का पर्सनल डाटा फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म के साथ साझा करने की बात कही थी। जो भी यूजर्स इस पॉलिसी को नहीं मानता तो उसका अकाउंट रद्द करने की बात है। आपको बता दें कि ये वॉट्सऐप की यह पॉलिसी केवल बिजनेस अकाउंट के लिए थी। जिसमें यूजर्स की वॉट्सऐप चैट के डाटा को कंपनी लेगी और अन्य कंपनियों के साथ शेयर करेगी। इस पॉलिसी को सुप्रीम कोर्च में चुनौती दी गई।