टाटा मोटर्स ने नई गाड़ियों में स्टेपनी देना कर दिया है बंद! जानिए अब इसकी जगह क्या मिलेगा
टाटा मोटर्स ने नई CNG और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में स्टेपनी देना बंद कर दिया है। अब टायर पंचर होने पर लोग खुद से ही इसकी रिपेयरिंग कर सकेंगे। पंचर रिपेयर किट में मिलने वाले एयर प्रेशर पंप और लिक्विड के जरिए टायर में पंचर लगाना बहुत आसान है। इसे फटने या फिर बड़ा स्क्रैच आने पर ही मैकेनिक के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कार चलाते समय टायर के नीचे कील, ईंट, पत्थर या फिर कोई नुकीली चीज आने पर पंचर होना आम बात है। ऐसी स्थिति में लोग पहले से गाड़ी में मौजूद स्टेपनी टायर का इस्तेमाल करते हैं। बस, कार और ट्रक के अलावा कई गाड़ियों में एक एक्स्ट्रा टायर होना जरूरी होता है। बहुत सारी मशहूर कंपनियां बीते कई वर्षों से एक्स्ट्रा स्पेयर व्हील यानी स्टेपनी देती आ रही है। लेकिन अब टाटा मोटर्स ने CNG और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में इसे देना बंद कर दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि इमरजेंसी के समय बगैर स्टेपनी लोग यात्रा कैसे करेंगे? सिर्फ इतना ही नहीं इसे नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याएं हो सकती है।
इलेक्ट्रिक और सीएनजी गाड़ियों में स्टेपनी नहीं देने के पीछे की एक बहुत बड़ी वजह है। अधिकतर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। लोग इसके बिना भी इमरजेंसी के समय पंचर रिपेयर किट से काम चला सकते हैं। शायद आप सोच रहे होंगे कि आखिर पंचर रिपेयर किट और स्टेपनी का क्या लेना देना? दरअसल दोनों एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से पूरी जानकारी देते हैं।
स्टेपनी की जगह अब यूज करें पंचर रिपेयर किट
स्टेपनी की जगह अब टाटा मोटर्स के अलावा कई मशहूर वाहन निर्माता कंपनियां गाड़ियों में पंचर रिपेयर किट दे रही है। यानी अब किसी भी समय टायर से जुड़ी समस्या होने पर स्टेपनी की जगह इस किट को यूज कर सकेंगे। इसे काफी यूजर फ्रेंडली बनाया गया है। केवल प्रशिक्षित लोग ही नहीं बल्कि नए लोग भी आराम से इस किट के जरिए पंचर को फिक्स कर सकते हैं। टायर फटने या फिर किसी और तरह की समस्या होने पर भी इसकी मदद ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए टायर के बारे में जानकारी होना जरूरी है।
CNG और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में स्टेपनी नहीं मिलने के पीछे की ये है बड़ी वजह
इलेक्ट्रिक और CNG गाड़ियों में स्टेपनी नहीं देने के पीछे की सबसे बड़ी वजह जगह है। दरअसल इन गाड़ियों में पीछे की तरह स्टेपनी रखने के लिए बहुत कम जगह होती है। सीएनजी सिलेंडर या फिर इलेक्ट्रिक बैटरी के ऊपर इसे रखने से बॉडी में टकराने की वजह से आवाज आने के कारण लोग परेशान हो जाते हैं। इसकी जरूरत भी बहुत कम पड़ती है। सिर्फ इतना ही नहीं आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ पंचर किट लॉन्च होने के बाद अब टायर में पंचर लगाना बहुत आसान है। यही वजह है कि वाहन निर्माता कंपनी अब धीरे-धीरे स्टेपनी देना बंद कर रही है।
पंचर रिपेयर किट कैसे करें इस्तेमाल
पंचर रिपेयर किट इस्तेमाल करना बहुत आसान है। इसके लिए टायर को खोलकर अलग करने की जरूरत नहीं पड़ती है। कोई भी व्यक्ति पंचर रिपेयर किट में मौजूद एयर प्रेशर में केमिकल बॉक्स को लगाकर इसके जरिए टायर में मौजूद छेद यानी पंचर को भर सकते हैं। इस केमिकल को टायर के अंदर जाने के बाद एयर प्रेशर से छेद (पंचर) को भरना शुरू कर देते हैं। इस केमिकल को पंचर रिपेयर सॉल्वेंट भी कहते हैं। इसे खत्म हो जाने के बाद बाहर से खरीदा जा सकता है। एक डब्बे की मदद से कई बार पंचर फिक्स कर सकते हैं।
पंचर रिपेयर किट के फायदे और नुकसान
गाड़ियों में स्टेपनी की जगह पंचर रिपेयर किट देने के फायदों के साथ नुकसान भी हैं। इसे कम जगह में गाड़ी के अंदर कहीं भी रख सकते हैं। इसे 2 व्हीलर में रखा जा सकता है। इसके जरिए पंचर लगाने के लिए किसी मैकेनिक की जरूरत नहीं पड़ती है। वहीं दूसरे तरफ स्टेपनी की जगह पंचर रिपेयर किट देने के नुकसान की बात करें तो टायर फटने पर इसे सही करना असंभव है। गाड़ी की बैटरी डाउन होने पर इसे इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। ज्यादा दिनों में केमिकल सूखने का खतरा है।