अब किसी महिला की कोख नहीं रहेगी खाली, AI भरेगा गोद

एआई अब निःसंतान महिलाओं की मां बनने में मदद कर रहा है. वैज्ञानिकों का दावा है कि एआई टूल सबसे अच्छे शुक्राणु को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले अंडों से जोड़ने में सक्षम है. इस तकनीक का उपयोग कर गर्भवती होने वाली पहली महिला 36 वर्षीय है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अब आईवीएफ उपचार में महिलाओं को गर्भवती होने में मदद कर रही है. वैज्ञानिकों का दावा है कि एआई टूल सबसे अच्छे शुक्राणु को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले अंडों से जोड़ने में सक्षम है. इस तकनीक का उपयोग करके गर्भवती होने वाली पहली महिला एक 36 वर्षीय महिला है, जो दक्षिण लंदन की निवासी हैं. इस समय महिला 23 सप्ताह की गर्भवती है.

यह तकनीक अविश्वसनीय

महिला ने इस तकनीक के बारे में कहा, "यह एक चमत्कार की तरह है और मुझे लगता है कि यह तकनीक अविश्वसनीय है." उसका उपचार उत्तरी लंदन के एवेन्यू फर्टिलिटी क्लिनिक में हुआ था. इस तकनीक से डॉक्टरों को शुक्राणु और अंडे की गुणवत्ता का मूल्यांकन और चयन करने में अधिक सटीकता और गति मिलती है, जो पारंपरिक माइक्रोस्कोपिक विश्लेषण से संभव नहीं था.

डॉ. ज्योति तनेजा ने क्या कहा?

डॉ. ज्योति तनेजा उक्त क्लिनिक की चिकित्सा निदेशक हैं. उन्होंने कहा कि पहले शुक्राणु का चयन माइक्रोस्कोप के तहत आकार और अन्य विशेषताओं के आधार पर किया जाता था, लेकिन एआई अब स्वास्थ्य के विभिन्न पैटर्न का आकलन कर इसे वास्तविक समय में और अधिक सटीकता से कर सकता है.

आजकल, लगभग छह में से एक दंपति बांझपन का सामना कर रहे हैं. हर साल यह समस्या बढ़ती जा रही है. आईवीएफ उपचार की लागत आमतौर पर 5 लाख रुपये से अधिक होती है. इसका केवल एक-तिहाई ही सकारात्मक परिणाम देता है. लेकिन एआई तकनीक के उपयोग से डॉक्टर उच्च गुणवत्ता वाले अंडे और शुक्राणु का चयन करने में सक्षम हो सकते हैं, जिससे गर्भवती होने के अवसर में वृद्धि हो सकती है.

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13 January 2025, 08:45 PM IST

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