Chat GPT: OpenAI ने माना लीक हुई यूजर्स की चेट हिस्ट्री और क्रेडिट कार्ड की जानकारी
इस बात की पुष्टि ChatGPT की कंपनी OpenAI ने भी की है और बताया कि चैटबॉट में बग का पता चलते ही उसे कुछ देर के लिए तुरंत बंद कर दिया गया
Microsoft सपोर्टेड AI Chatbot ChatGPT फिर से चर्चा में है। चर्चा का कारण है, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड इस चैटबॉट से यूजर्स की जानकारी लीक होना। दरअसल, इस चैटबॉट में एक बग आ गया और चैट जीपीटी के प्रीमियम यूजर्स का डेटा दूसरे लोगों को देखने लग गया। जो डेटा लीक हुआ उसमें यूजर्स के फर्स्ट लास्ट नेम, चैट हिस्ट्री, क्रेडिट कार्ड डिटेल, ई-मेल संबंधी जानकारी आदि शामिल है। इस बात की पुष्टि ChatGPT की कंपनी OpenAI ने भी की है और बताया कि चैटबॉट में बग का पता चलते ही उसे कुछ देर के लिए तुरंत बंद कर दिया गया। हालांकि, कंपनी ने तकनीकी खामी सुधार ली है और चैट जीपीटी को इस्तेमाल के लिए फिर से खाेल दिया है, लेकिन यूजर्स का प्राइवेट डेटा लीक होने से एआई चैटबॉट के सिक्योर होने पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
पूरी तरह सुरक्षित है डेटा, OpenAI का दावा
OpenAI ने ब्लॉग पोस्ट में दावा किया है कि अब कंपनी द्वारा बग को ढूंढकर दूर कर दिया गया है और लोंगों का डेटा पूरी तरह सिक्योर है। कंपनी ने माना कि बग की वजह से यूजर्स को दूसरे यूजर्स की पेमेंट डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड के चार डिजिट व एक्सपायरी डेट, ई-मेल्स आदि नजर आए, हालांकि केवल 1.2 प्रतिशत यूजर्स का ही डेटा लीक हुआ। कंपनी ने कहा कि जांच में उन्होंने पाया कि यह डेटा भी उन यूजर्स का लीक हुआ जो बग के दौरान के नौ घंटों में एक्टिव थे। कंपनी ने भी यह भी कहा कि किसी भी क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी लीक नहीं हुई और यूजर्स इसे लेकर निश्चिंत रह सकते हैं।
ओपनिंग के पांच दिन में ही 10 लाख हो गई थी यूजर्स की संख्या
ओपन एआई ने कहा कि जिन यूजर्स का डेटा लीक हुआ है, उनको जानकारी दे दी गई है। गौरतलब है कि माइक्रोसॉफ्ट समर्थित स्टार्टअप ओपन एआई ने पिछले साल नवम्बर में चैट जीपीटी लॉन्च किया था और लॉन्चिंग के महज पांच दिनों में यूजर्स की संख्या 10 लाख से अधिक हो गई थी। जनवरी 2023 के आंकडों की बात करें तो अब इसके यूजर्स 100 करोड़ से अधिक हो चुके हैं।
चैट जीपीटी के एक्सेस के लिए फ्री और प्लस (पेड) सब्सक्रिप्शन हैं। हाल ही चैट जीपीटी 4 के रूप में लेटेस्ट अपडेट जारी किया गया है, इसकी सर्विस भी प्लस सब्सक्रिप्शन यूजर्स को लाइव मिलने लगी है। हालांकि पेड सर्विस के लिए यूजर्स को प्रति माह 1650 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। ChatGPT-4 के प्रति यूजर्स का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और इसके परिणाम भी सटीक, रचनात्मक और उत्साही रहे हैं। यह भारत के यूजर्स के लिए भी उपलब्ध है। जीपीटी- 4 के लिए बताया जा रहा है कि यूजर्स जहां 25 हजार वर्ड तक टेक्स्ट क्वेरी कर सकता है, वहीं यह इमेज क्वेरी को भी रीड कर सकता है।
ChatGPT को मिल रही Google, Mozilla से चुनौती
Artificial Intellegence पर इन दिनों दिग्गज टेक कंपनियां काम कर रही हैं और इसी दिशा में गूगल ने अपना एआई चैटबॉट बार्ड हाल ही लॉन्च किया है। हालांकि गूगल ने यह प्लेटफॉर्म केवल US और UK के यूजर्स के लिए लॉन्च किया है, लेकिन माना जा रहा है कि इससे माइक्रोसॉफ्ट के चैटबॉट जीपीटी को खासी चुनौती मिलेगी। वहीं, Firefox इंटरनेट ब्राउजर डवलपर Mozilla कंपनी ने एआई चैटबॉट की रेस में एंट्री कर ली है। कंपनी Mozilla.AI नाम से नया स्टार्टअप शुरू कर चुकी है और उसका दावा वह एक भरोसेमंद स्वतंत्र ओपन सोर्स इकोसिस्टम बनाएगी। इसके लिए कंपनी ने 30 लाख डॉलर का इनवेस्ट किया है।
इसके अलावा AI Chatbot की रेस में तुर्की की एक कंपनी Cerebrum Tech ने मोबाइल फोन्स के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड एप्लीकेशन Cere लॉन्च की है। इसमें एक वर्चुअल करेक्टर राइटिंग और ओरली यूजर्स के साथ चैट कर सकता है। कंपनी का दावा है कि Cere यूजर्स को उनके मूड के अनुसार म्यूजिक सजेक्ट कर सकता है, न्यूज टॉपिक्स समराइज कर सकता है और फूड, फैशन, हेल्थ, स्पोर्ट आदि की जानकारी उनसे साझा कर सकता है।