Ashwini Vaishnaw : देश में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आज स्मार्टफोन का हर कोई इस्तेमाल करता है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से यूजर्स को डेटा हमेशा लीक हो जाता है. इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल शनिवार 12 अगस्त को डेटा प्रोटेक्शन एक्ट राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया है. इससे लोगों का डेटा सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. लेकिन लोगों के मन में अभी भी सवाल है कि इससे किस तरह से हेल्प मिलेगी? अब इस बारे में जानकारी दी गई है.
डेटा प्रोटेक्शन के बारे में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत के दौरान कहा कि नियमों को बनाने का काम चल रहा है. यह बहुत स्पष्ट भाषा में होंगे जो लोगों को आराम से समझ आ जाएंगे. उन्होंने कहा नियम भी उतने ही आसान होंगे जितना कानून है. अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया कि पीएम मोदी ने प्रौद्योगिकी को सबसे गरीब व्यक्ति और दूर-दराज के इलाकों तक ले जाकर लोकतंत्रीकरण किया है. आज आखिरी तबके तक को डिजिटल सेवाएं दी जा रही हैं और नियम भी उसी सिद्धांत पर आधारित होंगे.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि स्वतंत्र डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना पर काम चल रहा है. इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सरकार करती है. नियमों और शर्तों के बारे में कानून में साफ-साफ लिखा होता है. उन्होंने कहा इस बोर्ड में ऐसे लोगों को शामिल किया जाएगा जो डिजिटल अर्थव्यवस्था को समझते हैं. साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था की बारीकियों को समझते हैं. उन्होंने कहा जिस बात के लिए सहमति दी गई है. उसके अलावा किसी भी रूप में डेटा का इस्तेमाल अवैध होगा. First Updated : Sunday, 13 August 2023