Deepfake Technology : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए जा रहे डीपफेक वीडियो, जानिए क्या है ये टेक्नोलॉजी
What Is Deepfake Technology : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए इन डीपफेक वीडियो को बनाया जाता है. डीपफेक वीडियो को देखकर आप असली इंसान और नकली वीडियो में अंतर नहीं कर पाएंगे.
Deepfake Video : देश में पिछले कुछ दिनों से डीपफेक वीडियो का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसके अलावा कई राजनेताओं के डीपफेक वीडियो भी सामने आए हैं. ये सभी वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाए गए हैं. आज हम आपको डीपफेक टेक्नोलॉजी के बारे में बताएंगे.
क्या है डीपफेक टेक्नोलॉजी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए इन डीपफेक वीडियो को बनाया जाता है. डीपफेक एक डिजिटल अदला-बदली का एक रूप है. एआई के जरिए फोटो-वीडियो के ओरिजनल शख्स की जगह दूसरे किसी इंसान का चेहरा या बॉडी फिट कर दिया गया है. डीपफेक वीडियो को देखकर आप असली इंसान और नकली वीडियो में अंतर नहीं कर पाएंगे. इस तरह डीपफेक डीप लर्निंग का उपयोग नकली घटनाओं की फोटो बनाने के लिए करते हैं.
आसानी से बन जाती है नकली फोटो
डीपफेक टेक्नोलॉजी की मदद से किसी के फेस को आसानी से स्कैन करके एक वीडियो फाइनल पर लगा दिया जाता है. इसके लिए एआई का इस्तेमाल करके फेक वीडियो बनाई जाती है. जानकारी के अनुसार इसका सबसे ज्यादा उपयोग पॉर्न वीडियो बनाने के लिए किया जा रहा है.
डीपफेक पर एक्शन में सरकार
केंद्र सरकार ने आईटी एक्ट, 2000 के तहत डीपफेक या एआई जनरेट फेक वीडियो के मामलों को रोकने के लिए प्रावधान किए हैं. इस एक्ट के तहत सरकार ट्रैसेबिलिटी प्रोविजन का उपयोग कर सकती है. सरकार इस मामले में कार्रवाई कर सकती है. अगर किसी की पर्सनैलिटी के साथ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म से कोई छेड़छाड़ करता है तो सेक्शन 66सी, 33ई और 67 के तहत कार्रवाई हो सकती है. जेल की सजा भी हो सकती है.