Technology रोजाना बदल रही है और यही कारण है कि भविष्य में ट्रांसपोर्टेशन के साधन भी काफी अलग होंगे। यहां हम आपको उन टॉप-5 फ्यूचर इनोवेशन के बारे में बता रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में हकीकत बनकर आपके सामने होंगे।
Artificial intelligence पर इन दिनों काफी काम हो रहा है और दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनियां ऐसी कारें और बसें बना रही हैं, जो स्मार्ट सेसिंग पर काम करें और जिन्हें चलाने के लिए ड्राइवर की जरूरत न हो। वर्तमान में Uber, Tesla, Mercedes-Benz, Apple आदि कई कंपनियां self-driving cars और buses बनाने में जुटी हैं। कई कंपनियां इनके प्रोटोटाइप भी बना चुकी हैं। Uber ने बीते वर्ष Robotexi लॉन्च की थी। AI युक्त इन driverless वाहनों को future transport के रूप में देखा जा रहा है।
Driverless cars के बाद फ्यूचर ट्रांसपोर्ट के लिए vertical take-off and landing (VTOL) में सक्षम flying taxis का नाम चर्चा में ज्यादा है। वर्टिकल लैंडिंग एंड टेकऑफ की क्षमता के कारण इन्हें VTOL कहा जाता है। यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) वर्ष 2026 से अपने देश में फ्लाइंट टैक्सीज शुरू करने को लेकर काफी प्लानिंग कर चुका है। वहीं केलिफॉर्निया बेस्ड Joby Aviation और चाइना बेस्ड EHang कंपनियां eVTOL taxi बनाने की होड़ में काफी आगे चल रहे हैं। जॉबी एविएशन यूएस एयरफोर्स से अप्रूवल ले चुकी है और पिछले साल इसे कमर्शियल एयर टैक्सी चलाने के लिए सर्टिफिकेट भी मिल चुका है। वहीं ग्वांग्झू, चीन की कंपनी EHang अपना hexacopter drone E-Hang 184 और E- Hang 216 बना चुकी है। जापान के ओएटा सिटी में हाल ही कंपनी ने एक डिमॉन्सट्रेशन भी दिया था।
भारत में IIT Madras के एक स्टार्टअप ने फ्लाइंग टैक्सी बनाने का दावा किया है और गत माह बेंगलूरु में आयोजित Aero India शो में इसका प्रोटोटाइप दिखाया गया था। दावा किया गया कि दो सवारियों की क्षमता वाला यह ई-वीटोल 150 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से 200 किलोमीटर तक का सफर कर सकता है। हालांकि अभी तक इन वीटोल का पैसेंजर व्हीकल के रूप में इस्तेमाल नहीं हो रहा, लेकिन कुछ स्थानों पर कार्गो व्हीकल के तौर पर इनका उपयोग हो रहा है।
वर्तमान में कई आधुनिक देशों में Cable Car का इस्तेमाल किया जा रहा है। सड़क पर मौजूद जाम से बचते हुए गंतव्य पर जल्द पहुंचने का यह प्रभावी विकल्प माना जा रहा है। Germany के Aachen शहर में future transport के रूप में Upbus नामक स्टार्टअप केबल कार के आधुनिक वर्जन पर काम कर रहा है। इस कॉन्सेप्ट में केबल कार, केबल से डिस्कनेक्ट होने के बाद बस की तरह सड़कों पर दौड़ती नजर आएगी। हालांकि, भारत में भी केंद्र सरकार 250 सवारियों तक की क्षमता वाली aerial rope transit यानी केबल कार चलाने की योजना बना रही है।
दो शहरों के बीच का लंबा सफर चंद घंटों में तय किया जा सके, इसलिए दक्षिण कोरिया, जापान, चीन सहित विभिन्न देश Maglev trains शुरू कर चुके हैं। इन मैग्लेव ट्रेनों में पहिए नहीं होते और ये magnetic levitation तकनीक पर चलती हैं। India में BHEL स्विटजरलैंड की कंपनी की मदद से इसे पर काम कर रही है।
Elon Musk की The Boring Company ने USA के लास वेगास शहर में अंडरग्राउंड LVCC loop विकसित किया है और करीब 2.7 किलोमीटर में तीन स्टेशनों के जरिए सेवाएं दे रही है। कंपनी ने दावा किया है कि लूप का इस्तेमाल 10 लाख से अधिक यात्री कर चुके हैं। इन अंडरग्राउंड लूप में e-cars यूज हो रही हैं जो पॉल्यूशन फ्री हाई स्पीड ट्रेवलिंग की सुविधा दे रही हैं। मजेदार बात तो यह है कि एक बार यात्रा शुरू करने पर किसी भी स्टेशन पर रुकने की जरूरत नहीं होती। हालांकि इसमें पर्सनल बुकिंग के आधार पर व्हीकल उपलब्ध होता है। First Updated : Thursday, 06 April 2023