E-Waste : जानिए क्या होता है ई-वेस्ट, पर्यावरण के लिए बना सबसे बड़ी समस्या

What Is E-Waste : इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से फैलने वाले कचरे को ही ई-वेस्ट कहा जाता है. जिस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का हम इस्तेमाल नहीं करते उसे कबाड़ के रूप में फेंक देते हैं.

Nisha Srivastava
Nisha Srivastava

What Is Electronic Waste : आज के इस आधुनिक युग में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का तेजी से इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. इन डिवाइस में लैपटॉ़प, स्मार्टफोन, टीवी, कंप्यूटर आदि शामिल हैं. जहां ये एक तरफ हमारे लिए उपयोगी हैं वहीं दूसरी ओर इससे पर्यावरण को हानि भी होती है. जब भी कोई डिवाइस हमारे काम का नहीं होता तो हम उसे फेंक देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसे प्रोडक्ट का कहां इस्तेमाल होता है. आज हम आपको ई-वेस्ट के बारे में विस्तार से बताएंगे. साथ ही इसके निपटारे का उपाय भी बताएंगे.

क्या है ई-वेस्ट

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से फैलने वाले कचरे को ही ई-वेस्ट कहा जाता है. जिस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का हम इस्तेमाल नहीं करते उसे कबाड़ के रूप में फेंक देते हैं. अगर इसका सही यूज न किया जाए तो ये पर्यावरण के लिए घातक साबित होता है. इनके गैर-वैज्ञानिक तरीके से निपटान किए जाने के कारण पानी, मिट्टी और हवा जहरीले होते जा रहे हैं. जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ी समस्या है. एक रिपोर्ट के अनुसार स्मार्टफोन, कंप्यूटर, समेत लगभग 20.6 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक सामान घरों में पड़े हुए हैं.

ई-वेस्ट की वजह बनी तकनीक

पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रॉनिक कचरा तेजी से बढ़ा है. जिसका सबसे बड़ा कारण तकनीक का अंधाधुंध इस्तेमाल करना. जैसे-जैसे टेक कंपनियां नए डिवाइस को लॉन्च करती हैं लोग पुराने डिवाइस को किनारे करके नए प्रोडक्टस को खरीदने लगते हैं. इससे ई-वेस्ट बढ़ता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2020 रिपोर्ट में बताया गया कि 2019 में करीब 5.36 करोड़ मीट्रिक टन ई-वेस्ट कचरा उत्पन्न हुआ था. जो कि 2030 में बढ़कर 7.4 करोड़ मीट्रिक टन पहुंच जाएगा. एशिया में ही सबसे ज्यादा 2.49 करोड़ टन कचरा उत्पन्न हुआ था.

ऐसे कम करें ई-वेस्ट

एक रिपोर्ट के अनुसार ई-वेस्ट की मात्रा तेजी से बढ़ती जा रही है. आने वाले सालों में अगर इस पर लगान नहीं लगाई गई तो भविष्य में ये बहुत बड़ी चुनौती बनकर हमारे सामने खड़ी होगी. ऐसे में ई-वेस्ट को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. आप कम से कम नए इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट खरीदें. डिवाइस में थोड़ी सी खराबी आने पर नया डिवाइस खरीदने की जगह पुराने को ही रिपेयर करा लें. जिन डिवाइस की जरूरत न हो उन्हें न खरीदें.

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31 December 2023, 02:03 PM IST

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