Explainer: जानिए क्या है CFCFRMS जो साइबर हैकर्स से बचने में कर रहा मदद

What Is CFCFRMS : केंद्र सरकार ने सिटिजन फाइनेंसियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजनेंट सिस्टम की शुरुआत की. यह सिस्टम ठगी गई रकम को समय रहते ऑनलाइन स्कैमर्स तक पहुंचने से रोकने में मदद करता है.

Nisha Srivastava
Nisha Srivastava

What Is CFCFRMS : दुनिया भर में ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. लोगों को लालच देकर साइबर ठग उन्हें अपना शिकार बना रहे हैं और लाखों-करोड़ों रुपये उनसे लूट लेते हैं. एक क्लिक करने पर व्यक्ति का पूरा अकाउंट खाली हो जाता है. साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रसास कर रही है. इसी ओर भारत सरकार ने सिटिजन फाइनेंसियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजनेंट सिस्टम (CFCFRMS) की शुरुआत की. जो स्कैमर्स का शिकार हुए लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

CFCFRMS की मदद से 10 लाख रुपये हुए रिकवर

हाल ही में एक स्कैम का मामला सामने आया. जिसमें रमेश बैंक में काम करने वाले कैशियर के साथ ठगी हुई. उन्हें वॉट्सऐप पर अनजान नंबर से क़ॉल आई जिसमें यूट्यूबर चैनल को सब्सक्राइब करने पर पैसे देने का ऑफर दिया. लालच में आकर रमेश कॉलर की जाल में फंस गया और भेजे गए लिंक पर क्लिक कर दिया. थोड़ी देर बाद उनके अकाउंट से 10 लाख रुपये कट गए. फिर उसने 1930 नंबर पर कॉल की और सिटिजन फाइनेंसियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजनेंट सिस्टम एक्टिव हो गया. उसने पैसे फ्रीज किए और उसका पैसा रिकवर हो गया.

क्या है CFCFRMS

CFCFRMS को भारत सरकार की ओर से शुरु किया गया है. सरकार के साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग सिस्टम ने 600 करोड़ रुपये से अधिक को पकड़ा है. एक रिपोर्ट के अनुसार यह सिस्टम ठगी गई रकम को समय रहते ऑनलाइन स्कैमर्स तक पहुंचने से रोकने में मदद करता है. CFCFRMS को साल 2021 में साइबर ठगी को रोकने के लिए तैयार किया गया था. जो कि ऑनलाइन ठगी को रोकने में बहुत कारगर साबित हुआ है. आपको बता दें कि इसे गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर ने बनाया है.

कैसे काम करता है CFCFRMS

CFCFRMS को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एनफोर्समेंट एजेंसियों के साथ 243 वित्तीय संस्थाओं से लिंक किया गया है. इनमें बैंक, वर्चुअल वॉलेट, पेमेंट एग्रीगेटर, गेटवे और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म शामिल हैं. ये पीड़ित के साथ एनफोर्समेंट एजेंसी को फ्रॉड की रिपोर्ट के साथ काम करता है.

फिर सभी जानकारी CFCFRMS की मदद से एक टिकट रूप में जेनरेट हो जाती है. फिर इसे बैंक, पेमेंट वॉलेट को भेजा जाता है. इसके बाज फाइनेंशियल यूनिट फ्रॉड की रकम की जांच करके उसे खाते में वहीं रोक देती है. साइबर ठगी होने पर 1930 नंबर पर कॉल करके या www.cybercrime.gov.in/ पर शिकायत कर सकते हैं.

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17 December 2023, 10:24 AM IST

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