गूगल ने पर्सनल लोन का झांसा दे ठगी करने वाली 3500 एप्स को Google Play Store से हटाया
टेक दिग्गज Google ने पर्सनल लोन देने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाली 3500 एप्लीकेशन पर सख्त कार्रवाई की है। इन एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाते हुए इन्हें गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है।
हाइलाइट
- 3500 एप्स Google Play Store के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।
टेक दिग्गज Google ने पर्सनल लोन देने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाली 3500 एप्लीकेशन पर सख्त कार्रवाई की है। इन एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाते हुए इन्हें गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है।
गूगल ने एक बयान जारी कर बताया कि कंपनी ने वर्ष 2022 में भारत में personal loan देने वाली एप्लीकेशन्स का रिव्यू किया, जिसमें पाया गया कि 3500 एप्स Google Play Store के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। ऐसे में कड़ा कदम उठाते हुए इन्हें प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। गूगल ने कहा कि वे यूजर्स के हित में रिव्यू प्रोसेस को बेहतर बनाने के लिए अपनी नीतियों को अपडेट करते रहते हैं। गौरतलब है कि गूगल ने नियमों का पालन नहीं करने वाले 14.3 लाख से अधिक एप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है। इसके अलावा 1.73 लाख ऐसे अकाउंट्स को भी बैन किया गया है जो ठगी में शामिल रहे हैं।
प्ले स्टोर की डवलपमेंट प्रोग्राम पॉलिसी में किए थे जरूरी बदलाव
इससे पहले वर्ष 2021 में गूगल ने प्ले स्टोर पर मौजूद फाइनेंशियल सर्विस और पर्सनल लोन से जुड़े एप्स को लेकर अपनी डवलपमेंट प्रोग्राम पॉलिसी में जरूरी बदलाव किए थे और इसे सितम्बर 2021 में ही लागू कर दिया था। इस पॉलिसी में गूगल ने फाइनेंस देने वाली इन एप्स के लिए यह शर्त जोड़ी कि इन्हें पर्सनल लोन के लिए RBI द्वारा जारी लाइसेंस की कॉपी और उससे संबंधित डिक्लेरेशन फॉर्म भरकर देना होगा। एप डवलपर्स को यह भी ध्यान देना होगा कि उनके अकाउंट का नाम उससे जुड़े रजिस्टर्ड बिजनेस के नाम से मिलता हो। इसके बाद वर्ष 2022 में पर्सनल लोन देने वाले एप्स के लिए कुछ शर्तें और लागू की, जिनमें एप डिस्क्रिप्शन में पार्टनर NBFC, बैंकों के नाम और बैंकों की वेबसाइट्स पर उससे संबंधित यूआरएल का विवरण दिया जाना जरूरी किया गया।
यूजर्स के सेंसेटिव डेटा का एक्सेस भी रोका
बीते दिनों गूगल ने अपनी पर्सनल लोन पॉलिसी को अपडेट करते हुए एप डवलपर्स को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे पर्सनल लाेन लेने वाले यूजर्स के कॉन्टेक्ट और फोटोग्राफ्स का एक्सेस न करें। ताकि यूजर्स का सेंसेटिव डेटा और प्राइवेसी सिक्योर रहे।
जीरो इंटरेस्ट पर लोन का झांसा, फिर ब्लैकमेलिंग शुरू
भारत में इस तरह के कई मामले देखे गए, जिनमें पहले तो पर्सनल लोन देने वाले एप जीरो प्रतिशत ब्याज दर या बेहद कम इंटरेस्ट रेट पर लोन देने का झांसा देकर यूजर्स को फंसा लेते थे। ये डवलपर्स यूजर्स को अपने स्मार्टफोन में एप डाउनलोड करने की कहते और फोटो अपलोड करने के आधार पर गैलरी और कॉन्टेक्ट्स का एक्सेस ले लेते। साथ ही लोन देने के बाद काफी ऊंची ब्याज दर लगाते और लोन सेटलमेंट के नाम पर अनाप-शनाप धनराशि मांगते। जब लोन लेने वाला कस्टमर इसका विरोध करता तो अभद्रता से पेश आते, उसे धमकाते और उसके फोन से चाेरी की गई पर्सनल फोटोग्राफ का गलत इस्तेमाल करने की धमकी देते। इस तरह यूजर को ब्लैकमेल कर उससे पैसे उगाहे जाते। इस तरह के कई मामलों में पीड़ित प्राथमिकी भी दर्ज करा चुके हैं।
Android यूजर्स की सेफ्टी के लिए आएगा प्राइवेसी सैंडबॉक्स
प्ले स्टोर पर यूजर्स की निजता सुरक्षित करने के लिए गूगल privacy sandbox लाने की तैयारी में है। शुरुआत में इसे बीटा यूजर्स के लिए रिलीज किया जाएगा और इसके बाद सभी यूजर्स के लिए।
यह कैसे काम करता है, इसे एक उदाहरण से समझते हैं। एप्स का उपयोग करने के दौरान या गूगल सर्च इंजन पर कुछ ढूंढने के बाद आपने अक्सर देखा होगा कि जिस स्थान, वस्तु या सेवा के बारे में आपने सर्च किया है, उसके एड आपको दूसरे एप्स या वेबसाइट्स पर भी दिखने लगते हैं। यह कस्टमर की क्रॉस एप और क्रॉस साइट ट्रैकिंग है। प्राइवेसी सैंडबॉक्स इसे बेहद सीमित कर देगा। दरअसल, यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें विभिन्न एप्स और साइट्स द्वारा यूजर्स की एक्टिविटी की ट्रेकिंग पर नियंत्रण किया जाता है। इससे जहां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर एंड्राइड यूजर्स की प्राइवेसी सेफ रहती है, बल्कि कंपनियां और एप डवलपर्स भी अपना डिजिटल बिजनेस डवलप कर सकते हैं।