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गूगल की मोनोपोली खत्म! अब स्मार्ट टीवी में नहीं मिलेगा गूगल का डिफॉल्ट एंड्रॉइड सिस्टम

भारत में गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट मामले में CCI ने उसे स्मार्ट टीवी बाजार में वर्चस्व के दुरुपयोग का दोषी ठहराया है और ₹20.2 करोड़ का जुर्माना लगाया है. अब टीवी निर्माता गूगल की सेवाएं बिना बंडल किए बेच सकेंगे.

गूगल पर हाल ही में दुनिया के कई देशों में एकाधिकारवादी गतिविधियों को लेकर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. भारत में भी इसके खिलाफ दायर एक महत्वपूर्ण एंटीट्रस्ट मामला अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है. ये मामला दो भारतीय प्रतिस्पर्धा कानून विशेषज्ञों द्वारा Competition Commission of India (CCI) में दर्ज कराया गया था, जिसमें गूगल पर बाजार में अपने प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने का आरोप है.

अब CCI ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा है कि गूगल ने स्मार्ट टीवी बाजार में अपने वर्चस्व का अनुचित लाभ उठाया है. इसके चलते भारत में Android TV निर्माता अब गूगल का ऑपरेटिंग सिस्टम, प्ले स्टोर या अन्य प्री-इंस्टॉल्ड एप्लिकेशन को बंडल करना अनिवार्य नहीं होगा.

‘New India Agreement’ के तहत सैटलमेंट एप्लिकेशन

गूगल ने भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग के समक्ष Competition Act की धारा 48A के अंतर्गत सैटलमेंट एप्लिकेशन दाखिल की है. इस प्रस्ताव के तहत, कंपनी अब स्मार्ट टीवी के लिए Google Play Store और Play Services के लिए अलग-अलग लाइसेंस प्रदान करेगी. इस फैसले का अर्थ है कि अब गूगल की सेवाओं को एक साथ बंडल करने की अनिवार्यता समाप्त हो गई है और साथ ही डिफॉल्ट ऐप प्लेसमेंट जैसी शर्तें भी अब लागू नहीं होंगी.

Android Compatibility Commitment (ACC) से मिली छूट

CCI के अनुसार, अब भारत में बिकने वाले ऐसे स्मार्ट टीवी जो गूगल ऐप्स के साथ प्री-इंस्टॉल्ड नहीं होंगे, उन्हें Android Compatibility Commitment (ACC) पूरा करना जरूरी नहीं होगा. इसका सीधा फायदा ये होगा कि टीवी निर्माता अब ऐसे Android डिवाइस बना और बाजार में उतार सकेंगे जो पारंपरिक कम्पैटिबिलिटी मानकों पर खरे ना उतरें, फिर भी Google की Television App Distribution Agreement (TADA) का उल्लंघन नहीं माना जाएगा.

CCI का फैसला और जुर्माना

CCI ने अपने आधिकारिक बयान में कहा- उपलब्ध सामग्री, प्रस्तावित सैटलमेंट का मूल्यांकन, उल्लंघनों की प्रकृति, गंभीरता और प्रभाव को देखते हुए आयोग धारा 48A (3) एवं सैटलमेंट रेगुलेशंस के अंतर्गत प्रस्तुत सैटलमेंट प्रस्ताव को स्वीकार करता है. आयोग ने इस सैटलमेंट पर 15 प्रतिशत की छूट देते हुए गूगल पर कुल 20.2 करोड़ रुपये का अंतिम जुर्माना लगाया है.

शिकायतकर्ता और कंपनियों के नाम

ये मामला कश्तीज़ आर्य और पुरुषोत्तम आनंद नाम के दो व्यक्तियों द्वारा Competition Act, 2002 की धारा 19(1)(a) के तहत दर्ज किया गया था. इसमें Google LLC, Google India Pvt Ltd, Xiaomi Technology India और TCL India Holding को प्रतिवादी बनाया गया था. 

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22 April 2025, 12:00 PM IST

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