जमीन से टकरा सकता है बड़ा एस्टेरॉयड, मच सकती है तबाही, जानिए समय और तारीख
धरती की तरफ तेजी से एक डरावनी एस्टेरॉयड बढ़ रही है जिसको लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा चेतावनी दी है. नासा ने जानकारी दी है कि, एक खतरनाक क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड ) को पृथ्वी से टकराने की प्रबल संभावना है. नासा ने कहा है कि, इस एस्टेरॉयड को पृथ्वी से टकराने की 72 प्रतिशत संभावना है.
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88 फुट के हवाई जहाज के आकार का 2024 KN1 नामक यह खगोलीय आगंतुक लगभग 16,500 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहा है. पृथ्वी की ओर आने वाले क्षुद्रग्रह हमेशा सुर्खियां बनते हैं क्योंकि उनके साथ टकराव से मानव जीवन के लिए भारी तबाही हो सकती है. हाल ही में, नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने एक विमान के आकार के एस्टेरॉयड के बारे में अलर्ट किया था. यह एस्टेरॉयड आज पृथ्वी के करीब आने की उम्मीद है.
हालांकि, चिंता की कोई बात नहीं है. नासा ने कहा है कि यह अध्ययन किसी संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह के खतरे का प्रभावी ढंग से सामना करने की पृथ्वी की क्षमता का आकलन करने के लिए किया गया है. नासा के रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि इसका प्रक्षेप पथ इसे पृथ्वी से सुरक्षित दूरी पर रखेगा जिससे कोई भी खतरा नहीं होगा. यह 5.6 मिलियन किमी की दूरी से सुरक्षित गुजर जाएगा.
एस्टेरॉयड के टकराने की 72% संभावना
नासा ने अपने आधिकारिक रिपोर्ट में बताया है कि, नासा ने अप्रैल में पांचवां प्लैनेटरी डिफेंस इंटरएजेंसी टेबलटॉप का एक अभ्यास आयोजित किया था. अब जून को नासा ने मैरीलैंड के लॉरेल में जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी में आयोजित अभ्यास का सारांश जारी किया है जिसमें बताया है कि, इस दौरान एस्टेरॉयड के टकराने की संभावना 72 प्रतिशत है.
नासा के अनुसार, एस्टेरॉइड हमारे सौर मंडल के निर्माण के बाद बचे हुए हैं. सभी एस्टेरॉयड का आकार एक जैसा नहीं होता है. एस्टेरॉइड सूर्य से अलग-अलग दूरी पर अलग-अलग स्थानों पर बनते हैं, इसलिए कोई भी दो एस्टेरॉइड एक जैसे नहीं होते हैं. एस्टेरॉइड ग्रहों की तरह चारों ओर नहीं होते हैं. इनका आकार टेढ़ा और अनियमित होता है. ज्यादातर क्षुद्रग्रह एस्टेरॉयड चट्टानों से बने होते हैं, लेकिन कुछ में मिट्टी या धातुएं भी होती हैं, जैसे निकेल और लोहा.
कब धरती से टकरा सकती है एस्टेरॉयड
नासा मुख्यालय में ग्रह रक्षा अधिकारी एमेरिटस लिंडन जॉनसन ने कहा कि, एक बड़ा एस्टेरॉयड प्रभाव संभावित रूप से प्राकृतिक आपदा है जिसके बारे में पहले से इंसान को पता तो है लेकिन इसे रोका कैसे जाए इस पर खोज करने की जरूरत है. नासा इसके लिए नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट सर्वेयर विकसित कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि, प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर पृथ्वी से एस्टेरॉयड की टकराने की 14 सालों में संभावना 72 प्रतिशत थी. सटीक रूप से कहा तो 12 जुलाई 2038 तक इसे टकराने की उम्मीद है.