फर्जी सिम के जरिए हो रही वित्तीय धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए भारत सरकार KYC नियमों को और सख्त करने जा रही है। दूरसंचार विभाग (DoT) फाइनेंशियल फ्रॉड और नकली सिम कार्ड की समस्याओं का समाधान करने के लिए Know Your Customer के मापदंड़ों में बदलाव कर सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार अब किसी भी कंपनी के सिम कार्ड जारी करने के लिए कस्टमर को अपना केवाईसी वेरिफिकेशन ऑनलाइन ही कराना होगा। केवाईसी के ये नए नियम छह माह के अंदर जारी होने की संभावना है।
ऑनलाइन KYC वेरिफिकेशन से व्यक्ति को सुनिश्चित करने के साथ ही दूरसंचार विभाग एक आईडी पर जारी सिम की संख्या में भी कटौती कर रहा है। अब तक जहां एक आईडी पर 9 सिम जारी होते हैं, वहीं अब इनकी संख्या 5 होगी।
नए नियम लागू होने के बाद KYC वेरिफिकेशन केवल डिजिटली वेरिफाइड दस्तावेजों के आधार पर हो सकेगा, इसमें प्रमुखता से आधार नंबर का इस्तेमाल किया जाएगा। जो व्यक्ति फर्जीवाडे़ कर सिम कार्ड जारी करेंगे उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि सरकार ने Sim Card जारी करने के लिए आधार (Aadhar) बेस्ड E-KYC प्रक्रिया का प्रावधान सितंबर 2021 को किया था और नोटिफिकेशन भी जारी किया था। अब केवाईसी नॉर्म्स में होने वाले बदलाव उसी प्रावधान का अगला कदम होगा।
यह नई व्यवस्था दूरसंचार विभाग की Artificial Intelligence & Digital Intelligence Unit द्वारा छह माह में लागू की जा सकती है, हालांकि इसके लिए उसे National Working Group के परामर्श की आवश्यकता होगी। नेशनल वर्किंग ग्रुप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी (meity) शामिल हैं।
इसके अलावा दूरसंचार विभाग आगामी महीनों में टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (TAF-COP) पोर्टल की लॉन्चिंग पूरे देश में कर सकता है। इस पोर्टल की मदद से एक व्यक्ति यह जान सकता है कि उसकी आईडी से कितने मोबाइल नंबर एक्टिव हैं और काम में लिए जा रहे हैं। जिस नंबर का वह उपयोग नहीं कर रहा है, उसकी सूचना वह व्यक्ति सरकार को इस पोर्टल के माध्यम से दे सकता है। वर्तमान में यह पोर्टल चुनिंदा राज्यों आंध्रप्रदेश, केरल, राजस्थान, तेलंगाना और जम्मू एवं कश्मीर के उपभोक्ताओं के लिए सेवाएं दे रहा है।
देश में कोई भी सिम वेलिड आईडी पर ली गई है या वह सिम फर्जी है, इसकी पहचान के लिए केंद्र सरकार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल करेगी। जैसे ही सिम की पहचान फेक सिम के रूप में होगी, सरकार उसे ब्लॉक कर देगी। टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (ASTR) की इस प्रक्रिया के लिए सरकार द्वारा फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम पूरे भारत में लागू किया जा रहा है। दरअसल, ASTR प्रक्रिया को सरकार हरियाणा के मेवात क्षेत्र में पायलट प्रोग्राम के रूप में लॉन्च कर चुकी है। इस इस्तेमाल करते हुए सरकार जाली दस्तावेजाें के आधार पर सिम जारी करने और कराने वाले व्यक्तियों की पहचान आसानी से कर सकती है।
अब आप दूरसंचार विभाग के पोर्टल tafcop.dgtelecom.gov.in की मदद से यह जान सकते हैं कि आपकी आईडी पर कितने सिम एक्टिवेट हैं। एक्टिवेट सिम की संख्या जानने और उसके बारे में कस्टमर्स को सूचना देने की सुविधा देने के लिए इस पोर्टल पर टेलिकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर सिस्टम एड किया गया है। इस पोर्टल में वर्तमान में देश में एक्टिव सभी मोबाइल नंबर की जानकारी अपडेट है। यहां कस्टमर अपने मोबाइल नंबर और उस पर आए ओटीपी को वेरिफाई कराकर इस बात का पता लगा सकता हैं कि उसकी ID पर कितने सिम चालू हैं। यदि कोई ऐसा कोई मोबाइल नंबर है, जिसका इस्तेमाल आप नहीं करते या कोई दूसरा करता है तो उसकी रिपोर्ट भी आप तुरंत कर सकते हैं। दूरसंचार विभाग द्वारा भी उस पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी। First Updated : Sunday, 09 April 2023