AI की ताकत... कैसे टेलीकॉम कंपनियां भारत में साइबर धोखाधड़ी से निपट रही हैं?
भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां जैसे वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल AI का उपयोग करके साइबर धोखाधड़ी, स्पैम कॉल्स और फर्जी संदेशों से लड़ रही हैं, वहीं ट्राई और डॉट भी AI के जरिए मोबाइल यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं.

आजकल लगभग हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रभाव दिखाई दे रहा है और अब ये हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुका है. स्मार्टफोन से लेकर स्मार्ट सिटीज़ तक, AI हर जगह मौजूद है. जहां AI के बारे में अक्सर उसके नकरात्मक प्रभावों और जोखिमों की चर्चा होती है, वहीं इस बार हम आपको बताएंगे कि कैसे AI हमारे जीवन को आसान और सुरक्षित बना रहा है.
भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां AI का उपयोग करके साइबर धोखाधड़ी, स्पैम कॉल्स, फर्जी संदेशों और ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने के लिए प्रयास कर रही हैं.
AI द्वारा साइबर धोखाधड़ी से निपटने के उपाय
आजकल AI केवल एक तकनीकी उन्नति नहीं, बल्कि ये साइबर अपराधों से लड़ने का एक सशक्त माध्यम भी बन चुका है. AI टूल्स के साथ, साइबर अपराधियों ने भी नई और क्रिएटिव तकनीकों का सहारा लेना शुरू कर दिया है. फर्जी कॉल्स, AI -आधारित वॉयस क्लोनिंग ऐप्स का उपयोग करके लोगों की पहचान चुराना और उनके बचत को लूटना अब आम बात हो गई है. इन बढ़ते खतरों के बीच, भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां जैसे एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (Vi) ने एआई-आधारित सिस्टम्स को अपनाकर यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की है.
वोडाफोन-आइडिया की AI-आधारित स्पैम SMS समाधान
वोडाफोन-आइडिया (Vi) ने AI और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके एक स्पैम एसएमएस समाधान लॉन्च किया है, जो वास्तविक समय में संभावित खतरों का पता लगाकर यूजर्स की सुरक्षा करता है. इस प्रणाली का उद्देश्य यूजर्स को सुरक्षित डिजिटल संचार सुनिश्चित करना है.
Vi के प्रवक्ता ने कहा कि Vi का स्पैम एसएमएस समाधान AI और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके संभावित खतरों का सक्रिय रूप से पता लगाता है और उन्हें वास्तविक समय में फ्लैग करता है, जिससे ग्राहकों का अनुभव बेहतर होता है और सुरक्षित डिजिटल संचार सुनिश्चित होता है. वोडाफोन-आइडिया का ये सिस्टम लाखों एसएमएस संदेशों पर प्रशिक्षित किया गया है, ताकि ये झूठे लिंक, स्पैम प्रमोशन और व्यक्तिगत जानकारी चुराने वाले संदेशों को पहचान सके. इस सिस्टम ने अब तक 250 मिलियन से ज्यादा संदेशों को फ्लैग किया है और यूजर्स को संभावित धोखाधड़ी और फिशिंग से बचाया है.
एयरटेल का AI-आधारित स्पैम डिटेक्शन सिस्टम
इसी तरह, भारती एयरटेल ने भी AI-आधारित स्पैम डिटेक्शन समाधान शुरू किया है, जिसने महज ढाई महीने में 8 बिलियन स्पैम कॉल्स और 0.8 बिलियन स्पैम एसएमएस को पहचान लिया. एयरटेल के नेटवर्क ने इस एल्गोरिदम का इस्तेमाल करते हुए हर दिन करीब एक मिलियन स्पैमर्स की पहचान की. एयरटेल इंडिया के अनुसार, कंपनी ने करीब 252 मिलियन ग्राहकों को इन संदिग्ध कॉल्स के बारे में सतर्क किया और बाद में इन कॉल्स को उठाने वाले यूजर्स की संख्या में 12 प्रतिशत की कमी आई.
AI के माध्यम से साइबर अपराध
टेलीकॉम कंपनियों द्वारा AI के इस्तेमाल पर वरिष्ठ टेक विशेषज्ञ प्रभु राम ने कहा कि AI की मदद से टेलीकॉम कंपनियां अपने साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत कर सकती हैं, क्योंकि ये तेजी से विसंगतियों का पता लगाने और उभरते खतरों का स्वचालित रूप से जवाब देने में मदद करता है.
ट्राई और डॉट द्वारा एआई का उपयोग
केवल टेलीकॉम कंपनियां ही नहीं, बल्कि भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) भी AI का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि मोबाइल यूजर्स को साइबर धोखाधड़ी से बचाया जा सके.


