Smartphone Users : एक सर्वे में बड़ा दावा, भारत में हर चार में से 3 को ‘NOMOPHOBIA’
हाल ही में Oppo और काउंटरप्वाइंट स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर एक सर्वे किया। जिसमें बताया गया कि डंडिया में प्रत्येक 4 में से 3 लोगों को अपने घर से स्मार्टफोन के काम न करने या बैटरी खत्म होने जैसा डर लगता है।
वर्तमान समय में किसी भी मनुष्य के लिए स्मार्टफोन के बिना जीवन व्यतीत करना संभव नहीं है। बच्चे लेकर बुजुर्गों को भी स्मार्टफोन की लत लग गई है। हम यह भी कह सकते हैं कि आज इंसान फोन का आदि हो गया है। अकसर ऐसा देखा जाता है कि कोई बिना खाने-पीये रह सकता है। लेकिन अपने फोन के बिना नहीं।
रात को सोने से पहले और सुबह सो कर उठते ही सब अपने फोन को चेक करते हैं। अब हाल ही में स्मार्टफोन यूजर्स पर एक सर्वे किया गया। जिसमें पता चला कि भारत में हर चार में से एक व्यक्ति को ‘NOMOPHOBIA’ नाम की बीमारी है।
Oppo और काउंटरप्वाइंट ने किया सर्वे
हाल ही में Oppo और काउंटरप्वाइंट स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर एक सर्वे किया। जिसमें बताया गया कि डंडिया में प्रत्येक 4 में से 3 लोगों को अपने घर से स्मार्टफोन के काम न करने या बैटरी खत्म होने जैसा डर लगता है। यानी ये लोग ‘NOMOPHOBIA’ नामक बीमारी के ग्रसित हैं। वहीं 70 फीसदी भारतीयों को मोबाइल फोन की बैटरी 20 प्रतिशत होने पर टेंशन होने लगती है। इ
सके अलावा भारत में 65 फीसदी लोगों को अपने फोन को लेकर इमोशनल डिस्कम्फर्ट होता है। यानी उन्हें फोन छूटने का डर, घबराहट, चिंता, डिस्कनेक्ट, असहाय महसूस करना आदि होने लगती है।
महिलाओं से अधिक पुरुषों को टेंशन
स्मार्टफोन को लेकर हुए इस सर्वे में पता चला कि अपने मोबाइल के लिए महिलाओं से ज्यादा पुरुष चिंतित होते हैं। सर्वे में शामिल 82 प्रतिशत कहा मानना है कि फोन को लेकर उन्हें बहुत टेंशन होती है। जबकि 74 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्हें फोन की बैटरी खत्म होने व इंटरनेट को लेकर चिंता रहती है। इस दौरान 87 फीसदी ने कहा कि वे फोन का इस्तेमाल पूरा चार्ज होने पर ही करते हैं।
सर्वे में चौंकाने वाला हुआ खुलासा
इस सर्वे में पता चला कि 42 फीसदी लोग अपने स्मार्टफोन का यूज अपने मनोरंजन के लिए करते हैं। जिसके लिए वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोगन करते हैं। वहीं 60 फीसदी लोग फोन की बैटरी खराब होने की वजह से रिप्लेस करने के लिए तैयार हैं।