बदल गया UPI ट्रांजेक्शन का नियम, आज से केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर होंगे मंजूर
देश में डिजिटल पेमेंट में UPI का बोलबाला है. इसके जरिए ट्रांजेक्शन को स्टैंडर्ड और सुरक्षित बनाने के लिए आज से कुछ नियम बदल गए हैं. आज से कई UPI पेमेंट ब्लॉक की जा सकती हैं.

UPI पेमेंट ऐप्स इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए आज एक बड़ी खबर आई है. अब से कोई भी UPI ऐप ट्रांजेक्शन ID में स्पेशल कैरेक्टर का उपयोग नहीं कर पाएगा. अगर कोई ऐप ऐसा करती है, तो उस पेमेंट को आज से रिजेक्ट कर दिया जाएगा. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यह नियम बिजनेस यूजर्स के लिए जारी किया था, लेकिन इसका असर आम लोगों पर भी पड़ेगा.
क्यों लिया गया यह फैसला?
NPCI UPI ट्रांजेक्शन ID बनाने की प्रक्रिया को स्टैंडर्ड बनाना चाहता है और इससे डिजिटल पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा भी बेहतर होगी. इसलिए उसने सभी कंपनियों को ट्रांजेक्शन ID में केवल अल्फान्यूमेरिक (अक्षरों और अंकों) कैरेक्टर का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है. आज से यह नियम लागू हो जाएगा, और अगर कोई ऐप इन आदेशों का पालन नहीं करती है, तो वह UPI पेमेंट प्रोसेस नहीं कर पाएगी.
पहले भी जारी हुए थे ये आदेश
NPCI ने पहले भी इस प्रक्रिया को स्टैंडर्ड बनाने के लिए आदेश दिए थे. पिछले साल मार्च में जारी आदेश में कहा गया था कि ट्रांजेक्शन ID 35 कैरेक्टर लंबी होनी चाहिए, जबकि पहले ट्रांजेक्शन ID 4 से लेकर 35 कैरेक्टर तक होती थी. अब इसे 35 कैरेक्टर करने का निर्देश दिया गया है.
डिजिटल पेमेंट में UPI का बढ़ता हुआ असर
भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में UPI का बहुत बड़ा हिस्सा है. भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में डिजिटल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई है. इसका मतलब है कि देश में 83 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट UPI के जरिए हो रही है, जबकि बाकी 17 प्रतिशत में NEFT, RTGS, IMPS, क्रेडिट और डेबिट कार्ड जैसी ट्रांजेक्शन्स शामिल हैं.