Explainer: टनल में फंसे मजदूरों की ज़िंदगी के लिए उम्मीद बना एंडोस्कोपिक कैमरा, जानिए कैसे करेगा काम?

Endoscopic Camera: सिल्कयारा टनल में एक बार फिर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. वहां के कर्मचारियों को एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे की मदद ली जा रही है.

Shabnaz Khanam
Edited By: Shabnaz Khanam

Endoscopic Camera: उत्तरकाशी की सिल्कयारा टनल में पिछले 9 दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए हैं. सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. इसी सिलसिले में सरकार सोमवार (21 नवंबर 2023) को देर शाम उन्हें पाइप के जरिए पहली बार ठोस भोजन उपलब्ध कराने में सफल रही. इसके साथ ही उन्होंने इंडोस्कोपिक कैमरे के जरिए मजदूरों की स्थिति देखने की कोशिश की. 

सिल्कयारा में फंसे मजदूरों को खिचड़ी भेजने के बाद रिकॉर्ड किए गए वीडियो के मुताबिक, छह इंच की पाइपलाइन के जरिए 41 मजदूरों को खिचड़ी भेजने के कुछ घंटे बाद मंगलवार तड़के बचावकर्मियों ने उनके पास एक कैमरा (एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा) भेजा. और उनकी सुरक्षा के बारे में जानकारी ली. पहला वीडियो जारी किया. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि एंडोस्कोपिक कैमरा क्या होता है?

क्या है एंडोस्कोपिक कैमरा?

एंडोस्कोपिक कैमरों का उपयोग 'एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी' में किया जाता है. ये एक न्यूनतम इनवेसिव तकनीक है जिसके माध्यम से स्पाइन ऑपरेशन बड़ी सटीकता के साथ किए जाते हैं. एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एक नई तकनीक है जिससे पीठ दर्द का तुरंत इलाज किया जा सकता है. इस तकनीक से की गई सर्जरी में ऊतकों का नुकसान भी न्यूनतम होता है.
एंडोस्कोपिक कैमरों का उपयोग मानव शरीर में जटिल और सूक्ष्म रोगों या अंगों की जांच के लिए किया जाता है. एंडोस्कोपिक कैमरे तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण उपकरणों में से एक हैं. 

साफ तौर पर कहा जा सकता है कि एंडोस्कोपिक कैमरा एक उपकरण है जिसका उपयोग मानव शरीर के छोटे, दुर्गम स्थानों पर बिना किसी दृश्यता के वीडियो देखने, कैप्चर करने और रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है. यह डॉक्टरों को टीवी डिस्प्ले, कंप्यूटर मॉनीटर या स्टीरियोस्कोपिक व्यूइंग कंसोल जैसी बड़ी मेडिकल-ग्रेड स्क्रीन पर सर्जरी या डायग्नोस्टिक प्रक्रिया को देखने की अनुमति देता है. पेशेवर डॉक्टर रोगों के उचित निदान और उचित उपचार के लिए शरीर के अंदर अंगों, जोड़ों और गुहाओं का निरीक्षण करने के लिए इस उपकरण का उपयोग करते हैं. 

एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी में इमेजिंग

एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एमआरआई, सीटी स्कैनिंग और इंट्राऑपरेटिव फ्लोरोस्कोपी जैसी उन्नत इमेजिंग तकनीकों पर बहुत अधिक निर्भर करती है. ये प्रौद्योगिकियां सर्जन को सटीक सटीकता के साथ नेविगेट करने में मदद करने के लिए सर्जिकल क्षेत्र की वास्तविक, उच्च रिज़ॉल्यूशन वाली छवियां प्रदान करती हैं. नसों और रक्त वाहिकाओं की सावधानीपूर्वक जांच और उपचार किया जाता है, जो रोगी के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है.

कितने प्रकार का होता है?

सिस्टोस्कोप

इसका उपयोग मूत्राशय, मूत्रमार्ग, मूत्र पथ और प्रोस्टेट (पुरुषों में) के अंदर का अध्ययन करने के लिए किया जाता है और अक्सर मूत्रमार्ग के माध्यम से डाला जाता है. 

लैरिंजोस्कोप

यह एक एंडोस्कोप है जिसका उपयोग स्वरयंत्र या वॉयस बॉक्स को देखने के लिए किया जाता है और इसे मुंह के माध्यम से डाला जाता है.

ओटोस्कोप

ओटोस्कोप को कान के परदे और बाहरी कान के मार्ग की दृश्य जांच के लिए डिज़ाइन किया गया है.

गैस्ट्रोस्कोप

इसका उपयोग पाचन तंत्र के ऊपरी हिस्से की जांच करने के लिए किया जाता है, जिसमें आपके गले के अंदर, भोजन नली (ग्रासनली) और पेट शामिल है. इससे पता चलता है कि ये कैमरा छोटे से छोटे हिस्से में पहुंच कर उसकी जांच करने में सक्षम होता है.

ये तो था इसका मेडिकल के क्षेत्र में लाभ, इसी तरह से ये टनल में फंसे लोगों की मदद करेगा. जहां पर अभी तक कुछ पहुंच नहीं पा रहा था, आज एंडोस्कोपिक कैमरा वहां पहुंच गया है जिसके बाद वहां पर मौजूद लोगों की तस्वीरें और वीडियो इस कैमरे ने बना कर भेजी है. 

कैसे करता है काम?

आधुनिक एंडोस्कोपिक कैमरे 'चिप-ऑन-टिप' तकनीक का उपयोग करते हैं जहां छवियों को डिवाइस के अंत से जुड़े एक सॉफ्ट पैकेज के माध्यम से कैप्चर किया जाता है. इस कैमरे के ठीक ऊपर एक एलईडी लाइट लगाई गई है जिससे यह कैमरा उन जगहों पर भी तस्वीरें क्लिक कर सकता है जहां अंधेरा हो.  

इसमें लगे तार बहुत फ्लेक्सिबल होते हैं

उत्तराखंड में बन रही सुरंग में अधिकारियों ने फ्लेक्सी कैमरे का इस्तेमाल किया था, जिससे उसमें लगे तार पाइप के साथ मुड़ने में सक्षम थे और वीडियो रिकॉर्ड करने में सक्षम थे. अधिकारियों ने इसके छोटे आकार और आकृति के कारण एंडोस्कोपिक कैमरे का उपयोग किया, जिससे उन्हें कैमरे को पाइपलाइन में एक छोटे छेद से गुजारने की कामयाबी मिली है. 

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21 November 2023, 01:14 PM IST

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