WhatsApp, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक बार फिर से साइबर अपराधियों की पहली पसंद बने हुए हैं. गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया के जरिए होने वाले साइबर क्राइम में वॉट्सऐप सबसे ज्यादा मिसयूज किया जाने वाला प्लेटफॉर्म है. इस साल कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अपराधियों ने वॉट्सऐप के जरिए वीडियो कॉलिंग करके लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है.
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही में साइबर फ्रॉड की कुल 43,797 शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें से सबसे ज्यादा 22,680 शिकायतें वॉट्सऐप के जरिए की गई धोखाधड़ी की थीं. इसके अलावा, टेलीग्राम के जरिए अपराध की संख्या 19,800 रही. MHA की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराधी गूगल की सेवाओं का इस्तेमाल इन अपराधों को अंजाम देने के लिए करते हैं. गूगल एडवर्टाइजमेंट्स साइबर अपराधियों को टारगेटेड विज्ञापन करने में मदद करता है.
इन्वेस्टमेंट स्कैम के जरिए दुनियाभर के लोग टारगेट हो रहे हैं. इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग स्कैम और डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं. साइबर अपराधियों ने गूगल और फेसबुक प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल ऑर्गनाइज्ड तरीके से धोखाधड़ी करने के लिए किया है. वे फेसबुक के जरिए फर्जी लैंडिंग ऐप्स लोगों के स्मार्टफोन में पहुंचाते हैं.
गृह मंत्रालय की साइबर सिक्योरिटी विंग I4C देश में बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए काम कर रही है. हाल ही में सरकार ने हजारों वॉट्सऐप नंबर ब्लॉक किए हैं. ये नंबर अंतरराष्ट्रीय नंबर से बनाए गए थे और साइबर अपराधियों द्वारा ऑपरेट किए जा रहे थे. वॉट्सऐप के जरिए भारतीय यूजर्स के साथ डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं हो रही थीं.
वॉट्सऐप भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है. इसके 295 करोड़ से भी ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं, और भारत में भी यह ऐप बहुत लोकप्रिय है. इसके डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या करोड़ों में है, जिसके कारण साइबर अपराधियों के लिए यह प्लेटफॉर्म सबसे आकर्षक है. First Updated : Thursday, 02 January 2025