Google Play Store पॉलिसी में होगा बड़ा बदलाव, Android यूजर्स का भरोसा और मजबूत होगा

Google शुरुआत से ही Android यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर अलर्ट मोड पर रहा है, कई एप्स को play store से रिमूव करता रहा है और अब वह नई डेटा डिलिटिशन पॉलिसी लेकर आया है।

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आज smartphone एक जरूरत बन चुका है और दुनिया के लगभग हर कोने में पहुंच चुका है। विश्व में 7.7 अरब से अधिक लोगों के पास स्मार्टफोन है और इनमें से करीब आधे यानी 3.3 अरब से अधिक लोगों के पास Google Android Platform पर चलने वाला एंड्राइड स्मार्टफोन है। यानी करीब इतने ही लोग Google Play Store से बहुत सी एप्लीकेशन (Apps) डाउनलोड करते हैं, यूज करते हैं और उसे डिलीट भी कर देते हैं। इन एप्स को डाउनलोड करने के लिए app developers यूजर्स से कई तरह की परमिशन जैसे कैमरा, लोकेशन, कॉन्टेक्ट्स, मैसेज आदि का एक्सेस मांगते हैं और अधिकांश लोग वह दे भी देते हैं।

जरा सोचिए, इन एप डवलपर्स के पास यूजर्स की गतिविधियों और जानकारी का कितना सारा डेटा स्टोर होता है। यूजर्स एप को uninstall भी कर देता है, फिर भी यह डेटा डवलपर्स के पास रहता है। यही कारण है कि Google शुरुआत से ही Android यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर अलर्ट मोड पर रहा है, कई एप्स को play store से रिमूव करता रहा है और अब वह नई डेटा डिलिटिशन पॉलिसी लेकर आया है। गौरतलब है कि Google इस मामले में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी Apple से काफी पिछड़ा हुआ है, जो गत वर्ष जून माह में ही अपने App Store के लिए डेटा न्यूट्रीशन लेबल लगा चुका है।

App और online, दोनों से डेटा हटा सकेंगे यूजर्स

इस पॉलिसी के तहत Google यह सुनिश्चित करना चाहता है कि डवलपर्स एप और ऑनलाइन, दोनों प्लेटफाॅर्म पर यूजर्स को उसका account और उससे जुड़ा data हटाने की सुविधा दें। इससे न केवल यूजर्स की privacy, सिक्योरिटी और ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी, बल्कि यूजर्स अपनी इच्छानुसार डेटा रखने या न रखने का निर्णय भी ले सकेगा। नई पॉलिसी के जरिए गूगल अपने यूजर्स को यह जानने में भी मदद कर रहा है कि विभिन्न एप्स किस तरह उसके डेटा का इस्तेमाल करते हैं। इन प्रयासों से प्ले स्टोर पर मौजूद एप अधिक सेफ होंगे और गूगल-यूजर्स का विश्वास भी मजबूत होगा।

हटता था app नहीं हटता था data

दरअसल, स्मार्टफोन से किसी भी एप को अनइंस्टॉल करने के बाद आपको लगता है कि वह एप आपके फोन से हट गया और सारा डेटा भी खत्म हो गया। असल में वह एप तो हट जाता था, लेकिन डेटा नहीं। गूगल ने यूजर्स की इसी प्राइवेसी को सुरक्षित किया है।

7 दिसंबर तक का समय दे रहा Google

गूगल ने अभी अपनी डेटा डिलिटिशन पॉलिसी को पेश किया है और फिलहाल इसे लागू नहीं कर रहा है। एक ब्लॉग पोस्ट में गूगल ने बताया कि वह एप डवलपर्स को नई पॉलिसी के अनुसार जरूरी बदलाव करने के लिए कुछ समय देना चाहता है। गूगल के अनुसार एप डवलपर्स को 7 दिसंबर 2023 तक अपने एप के security forms में डेटा डिलीट संबंधित सवालों के जवाब बताने होंगे। गूगल की योजना अगले साल 2024 की शुरुआत में ही यह पॉलिसी लागू करने की है। हालांकि गूगल ने कुछ छूट देते हुए यह भी कहा कि जिन डवलपर्स को अधिक समय की जरूरत है, वे उपयुक्त कारण बताते हुए 31 मई 2024 तक का समय ले सकते हैं।

यूजर्स राइट्स में होगी बढ़ोतरी

गूगल चाहता है कि नई पॉलिसी के तहत उसके यूजर्स को सुविधानुसार कई ऑप्शन्स मिलें। जो यूजर्स अपने अकाउंट और डेटा काे पूरी तरह डिलीट करना चाहते हैं, वे ऐसा कर पाएं। वहीं जो यूजर्स अपने अकाउंट को डिलीट नहीं करना चाहते, वे डेटा हटाने का ऑप्शन चुन सकते हैं। इस डेटा में यूजर्स की मैप एक्टिविटी, कॉल और मैसेज हिस्ट्री, इमेज, वीडियो, पेमेंट हिस्ट्री आदि शामिल है। गूगल यह भी चाहता है कि जब कभी यूजर्स के डेटा का यूज किया जाए या उसे डिलीट किया जाए तो डवलपर्स यूजर्स को इस बारे में जानकारी दें। First Updated : Friday, 07 April 2023