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जोशीमठ पर ISRO का चौंकाने वाला खुलासा, 12 दिन में 5.4 सेंटीमीटर धंसी जमीन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ में सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर जमीन धंस गई है। इसरो ने जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी की हैं, जिनके मुताबिक 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच जोशीमठ की जमीन 5.4 सेंटीमीटर नीचे चली गई है।

जोशीमठ में होटल गिराने की कार्रवाई हुई शुरू
उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन के बाद 700 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई है लगातार यहां जमीन धंसती जा रही है जिसके बाद प्रशासन पूरे इलाके को खाली कराने में लगा है। वहीं अब जोशीमठ के दो होटलों को ध्वस्त करने का काम शुरू हो चुका है। सबसे पहले होटल मलारी इन को गिराया जाएगा।

दरकते पहाड़ों ने जोशीमठ के लोगों को पलायन के लिए किया मजबूर
उत्तराखंड का जोशीमठ लगातार धंसता जा रहा है राज्य सरकार के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है लेकिन सरकार हर पल लोगों के साथ है। अभी तक जोशीमठ में 700 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी है कुछ घरों में दरारें इतनी बड़ी हो गई है कि प्रशासन को उन पर रेड क्रॉस लगाकर उन्हे रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया। रेड क्रॉस वाले घरों को तोड़ा भी जाएगा।

धामी सरकार ने बदला फैसला अब जोशीमठ के पीड़ित परिवारों को मिलेगी 1.5 लाख रुपये की सहायता राशि
जोशीमठ में घरों को तोड़ने के विरोध में मुआवजे को लेकर स्थानीय लोगों ने सरकार के खिलाफ दमकर प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि जबतक उनको घर का पूरा मुआवजा नहीं मिलेगा वे यहां से नहीं हटेंगे। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5 हजार रुपये की सहाता देने का आदेश दिया था। लेकिन अब सरकार ने इसको बदलकर 1.5 लाख रुपये कर दिया है।

सर्वे करने वाले जियोलॉजिस्ट का दावा, 'खतरनाक होगा जोशीमठ को फिर से बसाना'
आज से जोशीमठ में असुरक्षित भवनों पर बुल्डोजर चलने वाला है लेकिन उससे पहले लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है जोशीमठ के लोग सड़कों पर बैठकर मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है। वहीं अब जोशीमठ का सर्वे करके लौटे आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजीव सिन्हा जो एक भू-वैज्ञानिक भी है ने कहा कि, "जोशीमठ को दोबारा बसाने की कोशिश खतरनाक है क्योंकि ये स्लाइडिंग जोन में है।"


कल जमींदोज होंगे जोशीमठ के असुरक्षित होटल-घर, मुआवजे को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे लोग
जोशीमठ में घरों के टूटने को लेकर लोगों ने जमकर हंगामा किया और मुआवजे को लेकर यहां धरने पर बैठ गए। बता दे, अब कल यानी बुधवार को जोशीमठ के असुरक्षित घरों और होटलों को तोड़ा जाएगा। सबसे पहले मलारी इन और माउंट व्यू इन दोनों होटलों को तोड़ा जाएगा।

जोशीमठ में छा सकता है अंधेरा, बिजली के पोल होने लगे तिरछे
जोशीमठ में भूस्खलन के बाद अब बिजली तारों के पोल भी तिरछे होने लगे है जिसके बाद अब जोशीमठ में किसी भी वक्त अंधेरा होने का भी खतरा बढ़ गया है। जिसको देखते हुए अब उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन निगम ने तिरछे हो चुके खंभो को हटाने का काम शुरू कर दिया है।


Joshimath: स्वर्ग के प्रवेश द्वार पर संकट! जानिए शंकराचार्य की तपोस्थली ‘जोशीमठ’ का पूरा इतिहास
उत्तराखंड को ऊपर वाले ने जितनी खूबसूरती से नवाजा है, उतना ही दुश्वारियां भी इसकी झोली में डाली हैं। कुदरत का कहर, यहां कब बरप जाए ये कोई नहीं कह सकता है... जैसे कि इस वक्त यहां का प्राचीन और लोकप्रिय शहर ‘जोशीमठ’ भूस्खलन की चपेट में आ चुका है। यहां घरों की दीवारें दरक रही हैं तो धरती का सीना फाड़ पानी की धार बहने लगी है। ऐसे में इस भारी संकट (Joshimath sinking) को देखते हुए शहर के सैकड़ों घरों को खाली कराया जा रहा है। लेकिन इस बीच सवाल ये है कि शहर से आबादी तो हटाई जा सकती है, पर यहां के पौराणिक महत्व वाले धार्मिक स्थलों का क्या? क्या स्वर्ग का द्वार कहा जाने वाला जोशीमठ यूं ही ध्वस्त हो जाएगा।