Poem की ताजा ख़बरें
Monday, 29 August 2022
फ़रिश्ते से बेहतर है इन्सान बनना | अल्ताफ़ हुसैन हाली
Thursday, 25 August 2022
बैठ जाता हूँ जहाँ छाँव घनी होती है | 'हफ़ीज़' जौनपुरी
Tuesday, 23 August 2022
बंद आँखों से वो मंज़र देखूँ | 'अमीर' क़ज़लबाश
बंद आँखों से वो मंज़र देखूँ,
रेग-ए-सहरा को समंदर देखूँ