राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने किसानों के हक में एक बार फिर उवाज़ उठाई है। राघव चड्डा ने सोमवार को राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस देते हुए किसानों के मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसानों को एम.एस.पी. की गारंटी दी जाए इसके साथ ही जिन किसानों पर किसान आंदोलन के दौरान पर्चे दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द किया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार को सदन की कार्यवाही छोड़कर पहले किसानों के मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए । सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस देते हुए राघव चड्डा ने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के दोषियों को भी सजा देने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि वह पंजाब के किसानों के लिए इसी तरह सदन में लड़ाई लड़ते रहेंगे।राघव चड्ढा ने कहा कि एम.एस.पी. को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए केंद्र सरकार की कमेटी कृषि के प्रति भाजपा की बेतुकी व छोटी नजर वाली धक्केशाही ताजा उदाहरण है क्योंकि विनाशकारी प्रशासन कोई सबक नहीं सीखता है।
हरित क्रांति का जन्म भूमि भारत के अन्नदाता होने के नाते पंजाब को सरकरी प्रतिनिधत्व की अनुमति नहीं दी गई जबकि जबकि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और उड़ीसा के नौकरशाहों को इस 26 सदस्यीय कमेटी में विशेष स्थान दिया गया है।
आपको बता दें कि राघव चड्डा ने अपने नोटिस में लिखा कि राज्य सभा (राज्य सभा) में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 267 के तहत निम्नलिखित प्रस्ताव पेश करने के अपने इरादे के बारे में नोटिस देता हूं।
1 अगस्त 2022 के लिए सूचीबद्ध कार्य का निलंबन: यह सदन भारत सरकार द्वारा गठित एमएसपी पर समिति पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल और दिन के अन्य व्यवसायों से संबंधित अन्य प्रासंगिक नियमों को निलंबित करता है जो किसान विरोधी और उल्लंघन करता है राज्यों, विशेष रूप से पंजाब के गैर-प्रतिनिधित्व के माध्यम से संघवाद के सिद्धांत।" First Updated : Monday, 01 August 2022