पंजाब में पराली जलाने की एक बड़ी समस्या है। किसान पराली जलाने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पास फिलहाल कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अब पंजाब की ही एक बेटी ने पराली की समस्या को हल करने का समाधान निकाला है। लगातार एक साल की खोज के बाद उनके हाथ सफलता लगी है जिसके लिए उसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। साधारण परिवार में पली-बढ़ी पंजाब के सरकारी स्कूल की छात्रा भजनप्रीत कौर अब जूनियर वैज्ञानिक बन चुकी हैं।
जगसीर सिंह और गगनदीप कौर की बेटी भजनप्रीत कौर सरकारी स्कूल ज़ीरा की छात्रा रही है। पराली जलाने की समस्या से निजात पाने के तरीकों के विषय पर गोआ में हुई अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में उसने कांस्य पदक हासिल किया है। इस समय भजनप्रीत कौर गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर में बीएससी कर रही है।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि भजनप्रीत कौर ने पराली को न केवल खाद के रूप में प्रयोग करने संबंधी अपनी बात रखी, बल्कि पराली से सिलिकॉन को अलग कर किसान अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। उसने पराली प्रबंधन के संभावित हल भी बताए। उन्होंने कहा कि ये गर्व की बात है कि पंजाब की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय इनोवेशन एंड इनवैंनशन एक्सपो 2022 में देश और विदेशों से आए 300 के करीब रिसर्चर्स और प्रतिनिधियों में पंजाब के सरकारी स्कूलों की मौजूदगी को दर्ज करवाया और जूनियर स्तर में ब्रॉन्ज मेडल भी जीता।
हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बढिय़ा माहौल दिया जा रहा है और भजनप्रीत कौर से प्रेरित होकर पंजाब के सरकारी स्कूलों में और भी स्टूडेंट्स अपनी खोज को देश और दुनिया के साथ साझे करने के लिए प्रेरित होंगे।
हरजोत सिंह बैंस ने फिरोजपुर के जीरा के शहीद गुरदास राम मेमोरियल कन्या सीनियर सेकंडरी स्कूल की इस होनहार छात्रा भजनप्रीत कौर को विशेष तौर पर सम्मानित किया और अपने घर दोपहर के खाने पर बुलाकर उसकी उपलब्धियों की सराहना की।