करौली बाबा के खेल से उठने लगा पर्दा ऐसे झांसे में लेता था सीधे-साधे लोगों को

करौली बाबा के खेल से उठने लगा पर्दा ऐसे झांसे में लेता था सीधे-साधे लोगों को

अभी कुछ दिन पहले तक बागेश्वर वाले बाबा की चर्चा चल रही है इसी बीच एक और बाबा ने एंट्री मारी है। अभी कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के कानपुर के करौली बाबा चर्चा में हैं जो फिलहाल विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। नोएडा के एक डॉक्टर ने उनके खिलाफ मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। आइए आपको बताते हैं कि कौन हैं करौली बाबा और ये कैसे करते हैं तंत्र-मंत्र से इलाज।

दरअसल कानपुर के इस करौली बाबा का नाम असली नाम संतोष सिंह भदौरिया है। इन पर आरोप है कि जब उनके चमत्कार को एक डॉक्टर ने नकार दिया तो उसने अपने सेवादारों से उनकी पिटाई करा दी। वहीं, करौली बाबा का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। कानपुर में करौली बाबा का साम्राज्य काफी तेजी से बढ़ा है। बाबा के आश्रम में हर रोज तीन से चार हजार भक्त पहुंचते हैं और बाबा के सामने अर्जी लगाते हैं। आश्रम में भक्तों को सबसे पहले 100 रुपये की पर्ची कटवानी पड़ती है और वहीं की दुकानों से पूजा के सामान खरीदने होते हैं। बाबा से हवन कराने में 50 हजार से लेकर 1 लाख तक आता है। बाबा के आश्रम में आपको पूरी सुविधाएं मिलेंगी। यहां पर हर चीज का आपको टोकन कटवाना पड़ेगा। बाबा से मिलने से लेकर यज्ञ हवन हर चीज के लिए रसीद कटवाने की व्यवस्था है। सबके अलग-अलग रेट तय हैं।.

करौली बाबा का कानपुर मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर करौली गांव में 14 एकड़ में फैला बड़ा आश्रम हैं जहां लोगों की जबरदस्त भीड़ उमड़ती है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी रोजाना इनके आश्रम में हजारों लोग पहुंचते हैं।

बता दें बाबा बना संतोष सिंह भदौरिया पहले किसान नेता था। इसके बाद उसने करौली में थोड़ी जमीन खरीदी फिर उन्होंने सबसे पहले शनि भगवान का मंदिर बनवाया। इसके बाद उसने एक आश्रम बनवाया। शुरुआत में वो आयुर्वेदिक वैद्य़ बनकर इलाज कर रहा था, लेकिन फिर धीरे-धीरे वह तंत्र मंत्र कर लोगों को इलाज करने का दावा करने लगा। लॉकडाउन के दौरान बाबा ने साजिश के तहत उसने कुछ परिचितों को पैसे देकर उनपर भूत प्रेत का साया होने की बात कहलाई। इसके बाद झाड़-फूंक से सही करने का नाटक दिखाया। इसका वीडियो बनाकर सोशल एकाउंट होल्डर्स के जरिये सोशल साइटों पर वायरल करवा दिया। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर बाबा के लाखों भक्त हो गए। वीडियो के शेयर और लाइक बढ़ते गए। फिर बाबा भक्तों को बिधनू स्थित आश्रम बुलाने लगा। आश्रम में पहुंचे लोगों से वसूली शुरू हो गई। करोड़ों का चंदा आने लगा। सोशल मीडिया पर अपना जाल बिछाने के लिए बाबा सोशल एकाउंट हैंडलर्स कोमोटी रकम भी देता है। इससे ज्यादा से ज्यादा प्रभावित होते हैं।

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