पंजाब में गेहूं की खेती सर्वाधिक होती है। अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब में फसलों की विभिन्नता पर जोर दिया है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने चीफ सेक्रेटरी के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी स्टडी और किसानों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी बताएगी कि गेहूं के अलावा वे सभी कौन सी फसलें हैं, जिनमें कम पानी का इस्तेमाल कर खर्चा कम और फायदा अधिक लिया जा सकता है।
सीएम मान ने कहा कि पंजाब सरकार बासमती, नरमा, कपास, मूंग और दालों की फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार नरमे और कपास के रकबे को बढ़ाने का पूरा प्रयास करेगी। इसके लिए लुधियाना में सरकार किसान मिलनी में 15 हजार से अधिक किसानों के साथ मुलाकात की गई। किसानों ने अपना कीमती सुझाव दिया कि यदि 1 अप्रैल को नहर का पानी मिल जाए तो नरमा और कपास की फसल की पैदावर बढ़ेगी। साथ ही कीटनाशक का इस्तेमाल भी कम हो सकेगा। इस कारण सीएम मान ने 1 अप्रैल को नहरी पानी देने की गारंटी दी है।
इस मौके पर सीएम मान ने कहा कि पंजाब में पहले अलग-अलग किस्म की फसलें उगाई जाती थीं लेकिन बीते लंबे समय से फसलों की विभिन्नता को छोड़कर केवल गेहूं की फसल को तरजीह दी गई। इससे कई प्रकार की परेशानियां खड़ी हुई। जैसे बिजली प्रबंधन, पंजाब में भूजल स्तर कम होने से 80 प्रतिशत धरती का डार्क जोन में जाना, पराली संबंधित समस्याएं और इससे स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हुई। इनके हल के लिए पंजाब सरकार लगातार प्रयासरत है।