'सोना' ही 'सोना'... इन पहाड़ियों में दबी है बेशुमार दौलत, क्या है पूरा रहस्य?
2001 में घाटे के कारण बंद की गई भारत की कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF) खदान, अब फिर से सोना निकालने की संभावनाओं के चलते चर्चा में है. रिसर्चर्स का मानना है कि KGF की 13 साइनाइड पहाड़ियों में करीब 50 लाख टन मिट्टी मौजूद है, जिसमें करीब 25 टन सोना छिपा हो सकता है.

भारत की सबसे मशहूर कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF) खदान से जुड़ा एक खुलासा सामने आया है. साल 2001 में घाटे के चलते बंद की गई इस सोने की खदान से फिर से सोना निकालने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. जिसके बाद, हालहीं में हुए शोध में ये खुलासा हुआ है कि KGF की खदान से निकाली गई मिट्टी में अब भी करीब 25 टन सोना मौजूद हो सकता है. इस रिपोर्ट के बाद, सरकार और कंपनियों की नजर इस खदान पर एक बार फिर टिक गई है.
KGF की ये सोने की खदान भारत के सबसे पुराने स्वर्ण भंडारों में से एक रही है, जिसे पहले के जमाने में ही विकसित किया गया था. लेकिन 2001 में इसे आर्थिक घाटे के कारण बंद कर दिया गया था. अब नई संभावनाओं के चलते यहां फिर से खनन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है.
क्यों बंद कर दी गई थी खदान?
कोलार गोल्ड फील्ड्स का संचालन भारतीय स्वर्ण खदान लिमिटेड (BGML) द्वारा किया जाता था, लेकिन उत्पादन में गिरावट और आर्थिक नुकसान के चलते केंद्र सरकार ने 2001 में इस खदान को बंद करने का फैसला लिया. सरकार के अनुसार, खदान का संचालन घाटे में जा रहा था. जब खदान बंद की गई, तो यहां काम करने वाले कर्मचारियों का ₹58 करोड़ का वेतन और पेंशन बकाया रह गया, जिसके कारण श्रमिक संगठनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
मामला कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद साल 2006 में केंद्र सरकार ने इसे दोबारा खोलने की मंजूरी दी. 2010 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी सोने की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए खदान को दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया. हाल में किए गए एक शोध के मुताबिक, KGF की खदान से जो मिट्टी अलग की गई थी, उसमें अब भी करीब 25 टन सोना मौजूद होने की संभावना जताई गई है.
साइनाइड पहाड़ियों में छिपा है सोना!
KGF क्षेत्र में 13 साइनाइड पहाड़ियां हैं, जिनमें करीब 50 लाख टन मिट्टी मौजूद है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, हर 1 टन मिट्टी में औसतन 1 ग्राम सोना पाया जा सकता है. इस मिट्टी से दोबारा सोना निकालने के लिए टेंडर जारी किए गए, लेकिन फिलहाल इस प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. ब्रिटिश शासन के दौरान कोलार में 27 सोने के भंडारों की पहचान की गई थी. इनमें से सिर्फ 2-3 स्थानों पर ही खनन हुआ, जबकि बाकी 24 स्थानों को अब तक नहीं खोला गया. अगर इन भंडारों की फिर से जांच की जाए, तो भारत के पास सोने का एक नया स्रोत मिल सकता है.


