गैस चेंबर बना शहर तो कोर्ट पहुंची 3 साल की बच्ची, पाकिस्तान का लाहैर बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर

Lahore Pollution: लाहौर में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के कारण निवासियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में तीन साल की एक बच्ची ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में असफल रहने पर प्रांतीय सरकार के खिलाफ लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.

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Lahore Pollution: पाकिस्तान का शहर लाहौर धुंध और वायु प्रदूषण के गंभीर संकट से जूझ रहा है, जिसकी वजह से वहां के हालात बेहद खराब हो गए हैं. ऐसे में तीन साल की एक बच्ची ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में असफल रहने पर प्रांतीय सरकार के खिलाफ लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. 

स्विस वायु गुणवत्ता मॉनीटर IQAir के मुताबिक, लाहौर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 800 से अधिक दर्ज किया गया है, जिससे यह दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. सरकार ने धुंध आपातकाल की घोषणा की है और स्कूलों को 17 नवंबर तक बंद कर दिया है.

AQI में लाहौर दुनिया में सबसे ऊपर

IQAir के अनुसार, लाहौर का AQI कई मौकों पर 1000 के स्तर को भी पार कर चुका है, जिससे यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार है. शहर की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि लोगों के लिए घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है. इस प्रदूषण का गंभीर प्रभाव बच्चों, बुजुर्गों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों पर पड़ रहा है.

कोर्ट पहुंची 3 साल की बच्ची

इस गंभीर संकट के बीच, तीन साल की बच्ची अमल सेखेरा ने अपने वकील के माध्यम से लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. याचिका में कहा गया है कि छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस प्रदूषण से बेहद प्रभावित हैं और संविधान के अनुच्छेद 99-ए के तहत नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना सरकार का दायित्व है.

डॉक्टरों ने मास्क पहनने की दी सलाह

लाहौर और अन्य प्रभावित इलाकों के अस्पताल सांस की बीमारियों से ग्रस्त मरीजों से भर गए हैं. डॉक्टरों ने लोगों को जब भी घर से बाहर निकलने की जरूरत हो, तो मास्क पहनने की सलाह दी है. खराब वायु गुणवत्ता के कारण लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं.

धुंध आपातकाल की घोषणा

प्रांतीय सरकार ने लाहौर सहित पंजाब के अन्य जिलों में धुंध आपातकाल की घोषणा की है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लाहौर और आसपास के क्षेत्रों में उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों को 17 नवंबर तक बंद कर दिया गया है.

धुंध की तीव्रता और बढ़ने की संभावना

पंजाब सरकार की वरिष्ठ प्रांतीय मंत्री मरियम औरंगजेब ने बताया कि धुंध की तीव्रता कम से कम अगले 10 दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है. लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मास्क पहनने का निर्देश दिया गया है, और सरकार द्वारा स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण का असर

लाहौर के अलावा मुल्तान और गुजरांवाला जैसे शहर भी इस धुंध और प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. इन शहरों में भी AQI का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति में है, जिससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है. First Updated : Thursday, 07 November 2024