'हर दिन 350 KM सफर, फिर भी बच्चों के साथ रात का खाना – यही है असली सुपर मॉम!'
एक महिला हर दिन फ्लाइट पकड़कर 350 किलोमीटर दूर अपने ऑफिस जाती है और फिर रात को घर लौटती है. लोग इसे सुनकर दंग रह गए और इसे ‘सुपर मॉम’ का खिताब दे दिया. लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या इससे उनका खर्च बढ़ा या यह एक स्मार्ट मूव है? जानिए इस अनोखी कहानी में, जिसने वर्क-लाइफ बैलेंस की परिभाषा ही बदल दी!

Viral Story: हम में से कई लोग ऑफिस जाने के नाम पर परेशान हो जाते हैं. अगर दफ्तर 20-30 किलोमीटर दूर हो तो भी सफर भारी लगने लगता है. लेकिन सोचिए, कोई रोज़ 350 किलोमीटर का सफर तय करके ऑफिस जाए, वो भी फ्लाइट से! यह सुनकर आपको अजीब जरूर लगेगा, लेकिन यह हकीकत है.
मलेशिया में रहने वाली भारतीय मूल की राचेल कौर ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में जबरदस्त बैलेंस बना रखा है. वह एयरएशिया में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं और हर दिन फ्लाइट से 350 किलोमीटर की यात्रा करके ऑफिस जाती हैं और वापस घर लौटती हैं.
वर्क-लाइफ बैलेंस के लिए चुना अनोखा तरीका
राचेल कौर दो बच्चों की मां हैं. उन्होंने यह तरीका इसलिए अपनाया ताकि वह अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिता सकें. उनका कहना है कि फ्लाइट से यात्रा करना उनके लिए अपने ऑफिस के पास घर किराए पर लेने से सस्ता और बेहतर विकल्प है. राचेल हर सुबह 4 बजे उठती हैं, 5 बजे एयरपोर्ट के लिए निकल जाती हैं और 7:45 बजे तक अपने ऑफिस पहुंच जाती हैं. फिर रात को 8 बजे घर लौटती हैं. इतने लंबे सफर के बावजूद वह खुद को थका हुआ महसूस नहीं करतीं.
सफर के दौरान करती हैं मेडिटेशन और म्यूजिक एंजॉय
रोजाना फ्लाइट से सफर करना आसान नहीं होता, लेकिन राचेल इसे सकारात्मक तरीके से लेती हैं. वह सफर के दौरान मेडिटेशन करती हैं, म्यूजिक सुनती हैं और इस समय का पूरा सदुपयोग करती हैं. राचेल बताती हैं कि उनके दो बच्चे हैं – एक 12 साल की बेटी और दूसरी 11 साल की. बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह लाइफस्टाइल अपनाई है, ताकि वे हर रात अपने बच्चों के साथ घर पर रह सकें.
पहले ऑफिस के पास रहती थीं, लेकिन अब रोज लौटती हैं घर
2024 से पहले राचेल ने कुआलालंपुर में अपने ऑफिस के पास एक घर किराए पर लिया था और हफ्ते में सिर्फ एक बार पेनांग लौटती थीं. लेकिन इस दौरान वह अपने बच्चों से काफी समय तक दूर रहती थीं, जिससे उनका दिल नहीं लगा. इसलिए उन्होंने रोज सफर करने का फैसला लिया. अब जब उनकी कहानी वायरल हुई है, तो लोग उन्हें ‘सुपर मॉम’ और ‘असली सुपरवुमन’ कह रहे हैं. उनका यह डेडिकेशन उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो करियर और परिवार में बैलेंस बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
तो क्या आप इतनी लंबी दूरी रोज तय कर सकते हैं? राचेल कौर की इस कहानी पर आपकी क्या राय है?