4 हजार वर्ष पहले इसी लिपस्टिक से किया जाता था मेकअप, देखकर आंखें फटी रह जाएगी
Viral Story: मेकअप महिलाओं की पहली पसंद मानी जाती है, जिसके लिए कई तरह की चीजें मार्केट में उपलब्ध है. वहीं क्या आपने कभी सोचा है कि पुराने जमाने के लोग मेकअप कैसे करते थे.
Viral Story: महिलाओं के लिए मेकअप बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. मेकअप की जब भी बात आती है, तो इसके लिए कई समानों को इकठ्ठा किया जाता है. जिसमें लिपस्टिक बेहद खास है, जैसे कोई महिलाएं मैट लिपस्टिक, क्रीमी लिपस्टिक, तो कोई लिक्विड लिपस्टिक का इस्तेमाल करती है. मगर क्या आपने सोचा है प्राचीन काल में मेकअप कैसे होता था? नहीं तो हम आपको बताते हैं, दरअसल इसको लेकर पुरातत्वविदों को एक मजबूत साक्ष्य हासिल हुआ है.
वहीं इसके मुताबिक दुनिया की सबसे पुरानी लिपस्टिक मिल गई है और बताया जा रहा है कि ये 4 हजार साल पुराना है. जिससे महिलाएं मेकअप किया करती थीं. तो आइए आपको बताते हैं, इसकी पूरी कहानी.
इरान ने की खोज
दरअसल ईरान के जिरॉफ्ट इलाके में विज्ञानिकों को गहरे लाल रंग की एक छोटी शीशी प्राप्त हुई है. इसके मिलने के बाद इसे एक शीशी के रूप में देखा गया. मगर अब दावा किया जा रहा है कि, यह 4 हजार साल पुरानी लिपस्टिक है. जबकि एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2001 में जब दक्षिण-पूर्वी ईरान के तमाम क्षेत्रों में हलील नदी के कारण से बाढ़ आई थी, इसी दौरान कई प्राचीन चीजें बहकर सामने आई थी.
New research suggests the nearly 4,000-year-old cosmetic may be among the oldest discoveries of its kind. https://t.co/cGoomt6tW2
— Smithsonian Magazine (@SmithsonianMag) February 25, 2024
लिपसिट्क की शीशी
वहीं उसी बाढ़ में एक कब्रगाह से बहकर लाल कलर की शीशी आई थी. जिसके बाद इसे जिरॉफ्ट के पुरातत्व संग्रहालय में रख गया था. साथ ही अनुमान लगाया गया कि, यह मरासी सभ्यता का अवशेष है. क्योंकि इससे मेसोपोटामिया के ऐतिहासिक साक्ष्यों का उल्लेख मिलता है. कहा जा रहा है कि, इसे बनाने में ब्रुनाइट, गैलेना, हेमेटाइट, मैंगनीज, जैसी लाल रंग के चीजों का इस्तेमाल किया गया है. यह पुरानी लिपस्टिक आज की लिपस्टिक से बेहद अलग है.
लिपस्टिक आखिर बनी कब?
पुरातत्वविदों का कहना है कि, इस शीशी का पतला आकार व मोटाई देखकर लगता है कि, इसे हाथ से पकड़कर उपयोग किया जा सकता है. वहीं अब सवाल ये है कि, लिपस्टिक कब बनी, कहां बनी. दरअसल इसके सबूत अभी सामने नहीं आए हैं, मगर वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्राचीन ईरान में सौंदर्य उत्पादों की परंपरा के बारे में हमें जानकारी देता है.