आखिर क्यों पति की लंबी उम्र के लिए ‘विधवा’ की जिंदगी जीती हैं ये महिलाएं, क्या है पूरा सच?
भारत में पति की लंबी उम्र के लिए कई तरह के व्रत किए जाते हैं वहीं देश में एक ऐसा समुदाय है जिस समुदाय की महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए हर साल विधवा की जिंदगी जीती हैं.
हाइलाइट
- भारत में शादी के बाद पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं रोज श्रृंगार करती हैं.
भारत में शादी के बाद पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं रोज श्रृंगार करती हैं. सिंदूर लगाने से लेकर चूड़ी पहनने तक. जहां तक हिंदू धर्म में महिलाओं को श्रृंगार करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
भारत में श्रृंगार न करने पर माना जाता है अशुभ
यदि किसी कारण कोई महिला श्रृंगार नहीं कर पाती हैं तो उसे अशुभ माना जाता है. लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां पर महिलाएं पति की उम्र की लिए हर साल विधवा का रूप धारण करती हैं ताकि उनके पति की आयु बढ़ सके. लेकिन इस प्रथा के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
देश में गछवाहा समुदाय ऐसा है जहां पर महिलाओं का श्रृंगार करना अपशकुन माना जाता है. महिलाओं को पति की लंबी आयु के लिए 5 महीने तक विधवा की तरह जिंदगी जीनी पड़ती है. गछवाहा समुदाय की महिलाएं इस परंपरा का पालन प्राचीन समय से कर रही हैं.
5 महीने तक नहीं करती महिलाएं कोई श्रृंगार
ये महिलाएं 5 महीने तक न तो कोई श्रृंगार करती हैं, न ही खुश रहती हैं, दरअसल इनके पति इस वक्त पेड़ों से ताड़ी उतारने जाते हैं और तक तक महिलाओं को विधवा की जिंदगी व्यतित करनी पड़ती है.
गछवाह समुदाय तरकुलहा देवी को अपना कुलदेवी मानता है और उनकी पूजा करता है. बता दें कि ताड़ के पेड़ से ताड़ी उतारना काफी कठिन काम माना जाता है.
जरा सी चूक ले सकती है इंसान की जान
ताड़ के पेड़ काफी ज्यादा लंबे और सीधे होते हैं. इस दौरान अगर जरा सी भी चूक हो जाए तो उस इंसान की जान भी जा सकती है. इसीलिए उनकी पत्नियां कुलदेवी से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.