Ajab Gajab: 12 साल के बच्चे ने पेश की बहादुरी की मिशाल! रेल की टूटी पटरी देख इस तरह बचाई जिंदगियां
Viral Video: 12 साल बच्चे की बहादुरी और समझ से पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में ट्रेन हादसा होने से बच गया है. खबर है कि टूटी पटरी देख बच्चे ने अपनी लाल टी शर्ट लहराकर ट्रेन रुकवा दी.
Viral News: हाल ही में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में 12 साल के लड़के की बहादुरी और सूझबूझ से ट्रेन हादसा टल गया. बताया गया कि पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे ने रेल की टूटी पटरी देखने के बाद अपनी लाल टी शर्ट निकालकर लहराई और तेजी से आ रही ट्रेन को रेलवे की टूटी हुई पटरी पार करने से पहले ही रुकवा दिया. इस वजह से रेल हादसा होने से टल गया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इस संबंध में सोमवार को रेलवे अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि लोको-पायलट ने लाल कमीज लहराकर खतरे का संकेत दे रहे मुरसलीन शेख नाम के लड़के के इशारे को भांप लिया था. इसके बाद सही समय पर ट्रेन को रोकने के लिए आपातकालीन ब्रेक लगा दिया. उन्होंने बताया कि ये घटना बीते गुरुवार को भालुका रोड यार्ड के पास हुई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स में उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे के हवाले से बताया गया, "मालदा में 12 साल के लड़के ने अपनी लाल कमीज लहराकर तेज रफ्तार ट्रेन को क्षतिग्रस्त हुई रेल पटरी के एक हिस्से को पार करने से पहले ही रोककर साहस का दिया." अधिकारी ने कहा कि बारिश की वजह से मिट्टी और पत्थर बहे जाने से वो हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था.
#Malda,WB : Mursalin Sheikh(8) saved hundreds of lives of Kanchanjunga Express train near Malda, WB, when he spotted sections of up line had shifted. He removed his red scarf and stood by the track to signal the train Pilot. The train screeched to halt avoiding mishap. pic.twitter.com/cmYw6l17Vc
— Saba Khan (@ItsKhan_Saba) September 23, 2023
सब्यसाची डे ने बताया, "पास के ही गांव के एक प्रवासी श्रमिक का बेटा मुरसलीन शेख रेलवे कर्मचारियों के साथ यार्ड में मौजूद था. क्षतिग्रस्त पटरी के हिस्से को देखकर लड़के ने समझदारी से काम लिया है और वहां तैनात कर्मचारियों के साथ मिलकर अपनी लाल टी शर्ट लहराकर सामने से आ रही ट्रेन के लोको पायलट को अलर्ट किया."
अधिकारी ने कहा कि क्षतिग्रस्त पटरी की मरम्मत करने के बाद रेल परिचालन शुरू किया गया. उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के अधिकारियों बच्चे की बहादुरी के लिए प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार भी दिया है.