Ajab Gajab: 41 हजार खर्च कर एक चूहा पकड़ा, उत्तर रेलवे ने खर्च किए 69 लाख रूपये, हाथ आए 168 चूहे
Viral News: उत्तर रेलवे तीन साल के भीतर 168 चूहों को पकड़ने के लिए 69 लाख रूपये की बड़ी रकम खर्च की है. प्रत्येक चूहे को पकड़ने के लिए रेलवे ने लगभग 41 हजार रूपये लुटाए है.
Ajab Gajab News: चूहों से छुटकारा पाने के लिए उत्तर रेलवे ने तीन साल के अंदर 69 लाख रूपए खर्च कर किए है. रेलवे की नाक में दम कर चुके 168 चूहों को पकड़ने के लिए ये रकम खर्च की गई है. प्रत्येक चूहे को पकड़ने के लिए रेलवे के लगभग 41 हजार रूपये खर्च हुए है. चंद्रशेखर गौर नाम के एक शख्स की ओर से डाली गई आरटीआई में इसका खुलासा हुआ है.
दरअसल, चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई दाखिल कर इस संबंध में जानकारी मांगी थी. रेलवे ने पांच मंडल दिल्ली, अंबाला, लखनऊ, फिरोजपुर और मुरादाबाद से जानकारी मांगी थी, जिसमें से सिर्फ लखनऊ मंडल का जवाब आया था. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर रेलवे ने तीन साल में 69 लाख रुपये खर्च कर 168 चूहों को पकड़ा गया है. इस हिसाब से एक चूहे को पकड़ने के लिए रेलवे ने 41 हजार रूपये खर्च किए है.
हर साल खर्च होते है कई लाख रुपये
दरअसल, चूहों, कॉकरोच और मच्छारों से बचाव के लिए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में हर साल करीब 23.2 लाख रुपये खर्च होते है. इसके बावजूद भी ऐसी शिकायते दूर नहीं की जा सकी है. चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्मों पर चूहों का आतंक दिखाई देता है. लखनऊ मंडल में चूहों और मच्छरों के प्रकोप से बचाव के लिए मेसर्स सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन गोमती नगर को जिम्मेदारी दी गई है. जो भारत सरकार का उपक्रम है.
गलत तरीके से पेश की गई जानकारी
रेलवे ने बताया कि इसमें चूहों को पकड़ना शामिल नहीं है, बल्कि चूहों को बढ़ने से रोकना है. ट्रेन के कोच में चूहों और कॉकरोच से बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव से लेकर कई तरह की गतिविधियां शामिल हैं. रेलवे का कहना है कि लखनऊ मंडल ने आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि चूहे पर 41 हजार रुपए खर्च हुआ ये बात गलत तरीके से पेश की गई है.