Ajab Gajab : किन्नर किसके साथ करती हैं शादी, हैरान कर देगा इसके पीछे का सच

Ajab Gajab : यदि कोई भी महिला अपनी मांग में सिंदूर लगाती है तो इसका मतलब वह शादीशुदा है.महिलाए इसे पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं. जिन महिलाओं की शादी होती है वही इस परंपरा को निभाती हैं.

Shweta Bharti
Edited By: Shweta Bharti

हाइलाइट

  • किन्नरों की शादी किसी इंसान से नहीं बल्कि उनके भगवान अरावन से कराई जाती है.

Ajab Gajab : आज के समय में लोग महिलाओं की कुछ चीजों से पहचान कर लेते हैं कि वह शादीशुदा है या बिना शादीशुदा इसकी पहचान सबसे पहले मांग में भरे सिंदूर से की जाती है. दुनिया में ऐसी बहुत कम महिलाएं होंगी जो शादी होने के बाद मांग में सिंदूर नहीं लगाती होंगी. महिलाएं इसे पति की लंबी उम्र से भी जोड़कर देखती हैं. वहीं किन्नर की शादी नहीं होती लेकिन फिर भी उनकी मांग में सिंदूर लगा हुआ नजर आता है, आप सोच रहे होंगे की किन्नर किस से शादी करती हैं. आइए जानें क्या है इसकी पीछे की खास वजह 

समाज को अपनाने की खुशी में किया जाता है आयोजन

जब भी आपके गली मोहल्ले में किन्नर आती हैं तो वह सज संवर कर आती हैं साथ ही उनकी मांग में सिदूंर लगा हुआ होता है. दरअसल जब कोई किन्नर समाज को अपनाती है तो उस समय नाच- गाना आदि का आयोजन किया जाता है. आम लोगों की तरह ही किन्नर भी इस कार्यक्रम में वैवाहिक बंधुओं में बंधते हैं. यानी किन्नरों की शादी की जाती है जिसके चलते वह अपनी मांग में सिदूंर लगाती हैं.

किन्नरों की शादी भगवान अरावन से की जाती है

किन्नरों की शादी किसी इंसान से नहीं बल्कि उनके भगवान अरावन से कराई जाती है. इस दौरान दुल्हन बनी किन्नर सोलह श्रृंगार करती हैं. साथ ही मांग में सिंदूर भी भरती हैं. किन्नर समाज इस मांगलिक कार्यक्रम को धूम-धाम से सेलिब्रेट करते हैं. किन्नरों की सिर्फ एक दिन ही शादी होती है. उसके बाद से पूरा श्रृंगार करके रहती हैं. उनकी ये शादी सिर्फ एक दिन के लिए की जाती है.

शादी के अलगे दिन अरावन देवता ही मृत्यु होने पर विधवा बनकर रहती हैं

विवाह के अगले दिन ही दूल्हे यानी अरावन देवता की मृत्यु हो जाती है. इसकी वजह से विवाहित किन्नर को विधवा मान लिया जाता है और इस पर शोक भी मनाया जाता है. इस समारोह के बाद ही वो किन्नर जिस घराने में शामिल होते हैं. उसी के गुरु की लंबी उम्र के लिए वह सभी किन्नर अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं. अपने परिवार को छोड़ने के बाद गुरु ही उनके लिए सब कुछ होते हैं.

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20 September 2023, 02:25 PM IST

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