Ajab-Gazab: भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं, जिस वजह से साल भर देश में किसी ना किसी घर्म से जुड़ा एक त्योहार होता ही है. सारे धर्मों की मान्यताएं और परम्पराएं अलग अगल होती हैं. ऐसा ही एक त्योहार राजस्थान के जोधपुर में मनाया जाता है. जो कि लगभग 500 साल पुरानी परंपरा है. इसमें लड़के, लड़कियों से पिटने के लिए रात में एक जगह पर इकट्ठा होते हैं.
जोधपुर का एक त्योहार है जिसका नाम धींगा गवर है. इस त्योहार में औरतें, मर्दों को पीटती हैं. मर्दों को इस तरह से पीटने की परम्परा देवी देवताओं के युग से चली आ रही है. इसको मनाए जाने के पीछे एक दिलचस्प इतिहास है.
क्यों पिटने आते हैं मर्द?
धींगा गवर, माता पार्वती का दूसरा नाम है. ये त्योहार में मनाया जाता है, इसमें औरतें अजीबोगरीब तरीके से तैयार होती हैं. जिसमें कोई राजनेता का भेष बनाती है कोई डाकू, तो कोई पौराणिक कथाओं का राक्षस बनती हैं. अपने अपने नए रुप बनाकर सड़कों पर निकलती हैं, उस दौरान सभी औरतों के पास लाठी होती है. वहीं एक जगह पर सारे मर्द औरतों से मार खाने के लिए इकट्ठा होतो हैं. जो पुरष इन औरतों के रास्ते में आता है वो सबको पीटती जाती हैं. एक मान्यता है कि जिस शादीशुदा पुरुष की पिटाई होती है उसका वैवाहिक जीवन अच्छे से गुज़रता है. वहीं कुवांरा मर्द पिटाई खाता है तो उसकी जल्दी शादी होती है.
क्यों मनाया जाता है ये त्योहार?
यहां के लोगों का मानना है कि भगवान शिव, माता पार्वती के सामने मोची बनकर आ गए और उन्हें चिढ़ाने लगे. तभी माता पार्वती भी उन्हें चिढ़ाने के लिए भील जनजाति की एक औरत बनकर आई थीं. इस त्योहार को 'बेंतमार तीज' के नाम से भी जाना जाता है. धींगा गवर मेला गवर माता की पूजा के 16वें दिन होता है. First Updated : Thursday, 21 September 2023