Ajab-Gazab: वज़न कम करने के लिए पिया जाता था ज़हर, चलन में थे अजब-गज़ब तरीके
Ajab-Gazab: दुनिया में बहुत सी ऐसी चीज़ें होती हैं जिनके बारे में सुनकर ही अजीब लगता है. ऐसी ही एक जानकारी आज आपके लिए लेकर आए हैं जिसमें वजन को कम करने कि लिए अपनाए जाने वाले तरीके बहुत अजीब होते थे.
हाइलाइट
- 19वीं सदी में लोग रबड़ से बने निकर और अंडरगारमेंट्स पहनते थे
- जहर युक्त दवाई का भी किया जाता था इस्तेमाल
Ajab-Gazab: मोटापा सभी के लिए परेशानी लेकर आता है. मोटापे से कई तरह की बीमारियां बनती हैं. खुद को स्वस्थ रखने के लिए लोग अलग-अलग तरह की डाइटिंग करते हैं. डाइटिंग का चलन आज ही का नहीं है ये ग्रीक और रोमनकाल में हुआ करता था. उस वक्त डाइटिंग का लेवल इतना खतरनाक था कि आज आप वो सब करने की सोच भी नहीं सकते हैं.
18वीं सदी की शुरुआत में लोग अपना वजन कम करने के लिए केंचुआ खाते थे. जिसको एक गोली की तरह बनाया जाता था. ये कीड़े पेट में जाकर बड़े होते रहते थे. जो आंतों से खाना सोखने का काम किया करते थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब वजन कम हो जाता था तब इस कीड़ों को पेट में मारने के लिए एंटीपैरासिटीक दवाई खा जाती थी.
इसी कड़ी में वजन कम करने के मामले में अमरीका कुछ अलग तरीका अपनाता था. अमरीका के होरेस फ्लेचर वजन कम करने का नया तरीका बताया था जिसमें खाना खाने के बजाए चबाकर थूक दिया जाता था. उनके अनुसार खाने को कम से कम 700 बार चबाना होता था. इससे खाने के सभी पोषक तत्व पेट में भी चले जाते और खाना भी नहीं खाना पड़ता जिससे वजन बढ़ने क खतरा नहीं रहता.
19वीं सदी में लोग डाइटिंग के लिए जहर युक्त दवाई का इस्तेमाल करते थे. जिनका इस्तेमाल शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता था. पुराने जमाने में राजा उत्तराधिकारियों को मारने के लिए इस जहर का इस्तेमाल करते थे. ये जहर धीरे धीरे खाने के साथ दिया जाता था, जिससे इसका असर धीमा होता था लेकिन लगातार दिए जाने की वजह से किसी की भी मौत हो सकती थी.
इसके साथ ही 19वीं सदी में वज़न कम करने का तरीका थोड़ा बदल गया था. इसमें लोग रबड़ से बने निकर और अंडरगारमेंट्स पहनते थे. उनका मानना था कि इस तरह के कपड़े पहनने से पसीना ज़्यादा आएगा और चर्बी भी नहीं बढ़ेगी. लेकिन शरीर के लिए इस तरह के कपड़े काफी खतरनाक होते थे.