Ajab Gjab: बीते दिन 8 मार्च को पूरा विश्व महाशिवरात्रि का त्यौहार मना रहा था. यह पर्व हिंदू त्यौहार का मुख्यपर्व पर इस दिन देश के कोने- कोने में लोग पूजा अर्चना करते हैं तो कई लोग उपवास रखते हैं इस बीच आज हम मध्य प्रदेश के विदिशा में बेतवा नदी के स्थित मुक्तिधाम यानी श्मशान घाट से अनोखी और हैरान कर देने वाली खबर लेकर आएं हैं जिसमें श्मशान घाट में काफी खिला हुआ रहता है. साथ ही इस शमशान घाट पर रात मे काफी भजनों और चहल-पहल होता नजर आता है. साथ ही यहां पर महाशिवरात्रि के दिन विशेष रुप से पूजा अर्चना की जाती है. तो आइए इस खबर में इस श्मशान घाट के बारे में विस्तार से जानते हैं.
जैसा कि मालुम होगा कि महाशिवरात्रि पर्व तंत्र साधनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. खासकर जागृत चिता (जलती चिता) के समक्ष की गई तंत्र साधनाएं सिद्धीदायक मानी जाती हैं. इसी को देखते हुए महाशिवरात्रि पर इस विशेष आयोजन की परंपरा डाली गई. यहां हर साल आने वाले लोग बताते हैं कि इस उत्सव की शुरुआत महाकाली और महाकाल की पूजा से होती है. फिर अलसुबह तक अनुष्ठान, भजन आदि चलते रहते हैं.
विदिशा के स्थानों लोगो के अनुसार, विदिशा में तंत्र-मंत्र के विद्वान रहे पं. नारायणदास पचौरी ने 35 साल से अधिक समय पहले मुक्तिधाम पर इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी. साल दर साल यहां आने वालों की संख्या बढ़ती गई. करीब एसएस डेढ़ दशक पहले उनका देहावसान हो गया, लेकिन यह परंपरा अब भी जारी है, कार्यक्रम में उनके परिजन सहित उनसे दीक्षा ले चुके शिष्य यहां हर साल आते हैं, इनमें विदिशा के अलावा भोपाल सहित दूसरे शहरों के लोग भी शामिल हैं.
स्थानी लोगों के मुताबिक महाशिवरात्रि महोत्सव के लिए मुक्तिधाम परिसर में तैयारी की गई. यूं तो समिति सदस्य यहां सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए प्रतिदिन श्रमदान करते हैं. फिर भी महाशिवरात्रि के लिए खासतौर से पूरे परिसर की सफाई धुलाई की गई है. मुक्तिधाम के पहुंच मार्ग, प्रवेश द्वार, सभागार, शवदाह गृह के आसपास आकर्षक विद्युत सज्जा की जा रही है. सभागार में शुक्रवार की रात पचौरी परिवार द्वारा पूरे विधिविधान से विशेष पूजा कराई जाएगी. साथ ही भजन होंगे. शनिवार तड़के तक यह कार्यक्रम चलेगा.
श्मशान घाट पर वैसे तो पूरे वर्ष लोग जाने से दरकिनार हैं अगर अगर जाते हैं तो दुखी मन से लेकिन सिर्फ एक आज के दिन विदिशा के शमशान पर पूरा शहर उमड़ता है. महाशिवरात्रि के इस दिन पूरी रात जागरण होता है लोग नाचते गाते हैं और पूरी रात भगवान शिव की आराधना की जाती है. एक ओर वहां चिता जल रही है और एक ओर पूरे शमशान घाट को रंग बिरंगी रोशनियों से सजाया है.
कई वर्षों से मुक्तिधाम को कुछ युवा ही सजाते हैं और उन्हीं के द्वारा पूरी रात के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. वैसे तो पूरे शहर में तरह-तरह के आयोजन आज के दिन किए जाते हैं लेकिन मुक्तिधाम पर रात्रि जागरण की महिमा ही कुछ और है. यहां के लोगों द्वारा यह माना जाता है कि आज के दिन शमशान घाट सबसे पवित्र जगह होती है. भगवान भोलेनाथ की शक्तियां यहां पर आज सभी भक्तों को मिलती है. इसलिए भक्त उन्हें प्रसन्न करने पूरी रात भगवान भोले के नाम का जाप करते हैं और रात्रि जागरण कर शिवरात्रि का पर्व मनाते हैं. First Updated : Saturday, 09 March 2024