भारत में इन 7 जगह आ चुके हैं Aliens! लोगों ने देखे UFO
Aliens in India: ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जो यह संकेत देती हैं कि एलियंस भी हमारी धरती पर आए हैं. दुनियाभर में ऐसी कई जगहों की पहचान की गई है, जहां एलियंस के आने का दावा किया गया है. भारत में भी कुछ स्थान ऐसे हैं, जहां UFOs और एलियंस देखे गए. आइए, जानते हैं इन रहस्यमयी जगहों के बारे में.
Aliens in India: दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज हमेशा से विज्ञान के लिए रहस्यमयी और चुनौतीपूर्ण रही है. वैज्ञानिक यह पता लगाने में जुटे हैं कि क्या वाकई एलियंस हमारे ग्रह पर आते हैं? और अगर आते हैं, तो वे कहां छुपते हैं? भारत में भी कई ऐसी जगहों के बारे में जानकारी सामने आई है, जहां एलियंस के होने के संकेत मिले हैं. इन घटनाओं को कई लोगों ने देखा और दर्ज भी किया है. वैज्ञानिक अब इन रहस्यमयी घटनाओं की तह तक जाने का प्रयास कर रहे हैं.
चाहे हिमालय की चोटियां हों या दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिर, हर जगह एलियंस के होने की कहानी ने शोधकर्ताओं का ध्यान खींचा है. वैज्ञानिकों के साथ-साथ आम लोगों ने भी एलियंस से जुड़ी घटनाओं के अनुभव साझा किए हैं. हिमालय से लेकर नर्मदा घाटी तक और महाबलीपुरम से द्वारिका तक, भारत की कई जगहें एलियंस और UFOs के दावों से जुड़ी रही हैं.
हिमालय में UFO और एलियंस
हिमालय को एलियंस का छुपने का संभावित स्थान माना गया है. 2010 में लद्दाख क्षेत्र में भारतीय सेना और आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) ने यूएफओ देखे जाने की रिपोर्ट दी थी. 2011 में एक जवान ने दावा किया कि उसने 3 फीट लंबे जीवों को देखा, जिनके छह पैर और चार आंखें थीं. वे जवान के पास आए और 'जोर्ग ग्रह' का रास्ता पूछते हुए दिखे. इस क्षेत्र में यूएफओ से जुड़ी कई घटनाएं आज भी रहस्य बनी हुई हैं.
ओडिशा में देखा गया UFO
1947 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में एक यूएफओ देखे जाने की घटना को एक कलाकार पचानन मोहरना ने ताड़पत्र पर दर्ज किया. उन्होंने उड़नतश्तरी और एलियंस के चित्र भी बनाए. यह घटना भारत की स्वतंत्रता से कुछ महीने पहले की है. ऐसा कहा जाता है कि अमेरिका और भारत ने इसे छिपाने की कोशिश की थी.
डायनासोर के साथ एलियंस
मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी को प्राचीन सभ्यताओं का घर माना जाता है. रायसेन जिले में मिले शैलचित्रों में उड़नतश्तरी और एलियन जैसी आकृतियां उकेरी गई हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां आदिमानव ने एलियंस को देखकर उनकी आकृतियां बनाई थीं.
छत्तीसगढ़ की गुफाओं में 10 हजार साल पुराना रहस्य
बस्तर जिले की गुफाओं में 10 हजार साल पुराने शैलचित्रों में उड़नतश्तरी और एलियंस के चित्र पाए गए हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इन चित्रों से पता चलता है कि उस समय एलियंस तकनीकी रूप से हमसे काफी आगे थे.
एलियंस का अंडरग्राउंड शहर
महाराष्ट्र की एलोरा गुफाओं को एलियंस का अड्डा कहा जाता है. माना जाता है कि यहां एक भूमिगत शहर बनाया गया था, जहां एलियंस रहते थे. कैलाश मंदिर को भी एलियंस की मदद से बनाया गया बताया जाता है, क्योंकि इसे बनाने की तकनीक आज भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य है.
महाबलीपुरम का रॉकेटनुमा मंदिर
केरल के महाबलीपुरम में एक प्राचीन गणेश मंदिर है, जिसका शिखर रॉकेट की आकृति जैसा है. यहां रेडियोधर्मी पदार्थ पाए गए हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जाता है कि यह स्थान रॉकेट लॉन्चिंग के लिए इस्तेमाल होता था.
भगवान कृष्ण की नगरी और एलियंस का कनेक्शन
गुजरात के द्वारिका को भगवान कृष्ण की नगरी माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि द्वारिका का निर्माण एलियंस ने किया था और उन्होंने इसे नष्ट भी कर दिया. समुद्र के भीतर इस प्राचीन शहर के अवशेष आज भी रहस्य बने हुए हैं.
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