सावधान! अगर फोड़ते हैं बुलेट से पटाखे, तो होगा बुलडोजर एक्शन-देखें दिल तोड़ने वाला VIDEO

Viral Video: तेज आवाज करने वाली बुलेट और स्पोर्ट्स बाइक का इस्तेमाल अब केवल शोर करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इनका उपयोग पटाखे फोड़ने के लिए भी किया जा रहा है. इस चलन ने सड़क पर काफी परेशानी पैदा कर दी है और ध्वनि प्रदूषण बढ़ाने का कारण बन रहा है.इस बढ़ते शोर को रोकने के लिए आंध्र प्रदेश में पुलिस ने एक कड़ा कदम उठाया है. हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बुलडोजर से बुलेट और स्पोर्ट्स बाइक के मॉडिफाइड साइलेंसर को रौंदते हुए देखा जा सकता है.

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Viral Video: सोशल मीडिया पर अक्सर कई हैरान कर देने वाले वीडियो वायरल होते ही रहते हैं. इस बीच  आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें सड़क के बीच सैकड़ों बाइक साइलेंसर रखे हुए हैं. इन साइलेंसर पर बुलडोजर (रोड रोलर) चलाया जा रहा है, और जैसे ही बुलडोजर इन साइलेंसरों के ऊपर से गुजरता है, वे सड़क से चिपक जाते हैं. इस सीन को देखकर यह साफ होता है कि पुलिस ने इन साइलेंसरों को नष्ट करने का फैसला किया था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश पुलिस ने बताया कि जो साइलेंसर नष्ट किए गए थे, वे मॉडिफाइड (बदले हुए) थे और इनसे तेज आवाज निकलती थी. इस कदम का मुख्य उद्देश्य था ध्वनि प्रदूषण को कम करना और लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए प्रेरित करना. पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई से यह संदेश दिया गया है कि जो लोग अपनी गाड़ियों में ऐसे मॉडिफाइड साइलेंसर लगवाना चाहते हैं, उन्हें समझाया जाए कि यह खतरनाक और अवैध है. पुलिस चाहती है कि लोग ध्वनि प्रदूषण से बचें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें.

ध्वनि प्रदूषण भारत में एक बड़ी समस्या

भारत में ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, खासकर सड़कों पर.  इसके प्रमुख कारणों में से एक है गाड़ियों का बेवजह हॉर्न बजाना.भारतीय ड्राइवरों में यह आदत इतनी आम हो गई है कि दुनियाभर में भारतीयों का मजाक उड़ाया जाता है. एक ताइवान की इलेक्ट्रिक बाइक कंपनी के मालिक ने भारत में अपनी गाड़ी लॉन्च के दौरान कहा था कि भारतीय लोग हॉर्न का इस्तेमाल राडार की तरह करते हैं.

मॉडिफाइड साइलेंसर और अन्य कारण

हॉर्न के अलावा, मॉडिफाइड (बदले हुए) साइलेंसर भी ध्वनि प्रदूषण का एक बड़ा कारण हैं. खासकर बुलेट जैसी मोटरसाइकिलों में लोग तेज आवाज वाले साइलेंसर लगवाते हैं, जिससे सड़कों पर बुरी तरह शोर मचता है. इससे न केवल यातायात में परेशानी होती है, बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों को भी भारी असुविधा होती है.

इसके अलावा, गाड़ियों से पटाखे फोड़ने का चलन भी बढ़ता जा रहा है. कई बार लोग शरारत के तौर पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों या अंडर ब्रिज के नीचे यह काम करते हैं, जिसके कारण न केवल ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि हादसों का खतरा भी होता है.

पुलिस की कार्रवाई

इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आंध्र प्रदेश पुलिस ने हाल ही में साइलेंसर को नष्ट करने का कदम उठाया. यह कदम ध्वनि प्रदूषण को रोकने और ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए था. पुलिस चाहती है कि लोग अपनी गाड़ियों में ऐसे मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने से बचें, जो अत्यधिक शोर पैदा करते हैं. First Updated : Saturday, 09 November 2024

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