बाबर को एक लड़के से था बेइंतहा प्यार, इश्क़ इतना कि राम मंदिर तोड़कर बना दिया बाबरी मस्जिद
हिन्दुस्तान में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबर को भी समलैंगिक बताया गया. इसका जिक्र उसकी जीवनी बाबरनामा में किया गया है. बाबर ने अपने समलैंगिक मित्र के लिए कई शेरों-शायरी लिखी हैं.
भारत में मुगलों के बारे में कई पुस्तकें लिखी गई हैं, जिनमें उनकी तारीफ की गई है, लेकिन मुगलों ने भारत पर बहुत बुरा असर डाला था. उन्होंने अपने शासनकाल में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया और हिंदू महिलाओं को अपने हरम में रखा. मुगलों के पहले सम्राट बाबर ने भी कई महिलाओं से संबंध बनाए थे, और वह एक पुरुष से भी आकर्षित थे. बाबर ने एक 17 साल के लड़के को देखकर उसके साथ संबंध बनाए और उसके लिए बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया.
‘द हिन्दू’ में छपे एक लेख के अनुसार, बाबरनामा में लिखा है कि बाबर बहुत सी बातें कर सकता था, लिख सकता था, प्यार कर सकता था, वासना में लिप्त हो सकता था और लड़ सकता था. बाबर को युवा लड़कों से खास आकर्षण था, और उसने एक लड़के बाबरी नाम के बारे में लिखा था. बाबर ने उसके लिए दोहे भी बनाए थे. बाबर के कई बीवी और बच्चे थे, लेकिन वह बाबरी नाम के लड़के से बहुत प्रभावित था.
बाबर की अधूरी मोहब्बत
कई इतिहासकारों ने बाबर के समलैंगिक होने की पुष्टि की है. बाबरनामा के अनुसार, बाबर की मुलाकात बाबरी नाम के लड़के से उर्दू बाजार में हुई थी. जब बाबर ने बाबरी को देखा, तो वह इतना आकर्षित हुआ कि उसकी जुबान लड़खड़ाने लगी थी. बाबर अपनी पत्नियों को भी बाबरी के सामने जिद्दी और लड़ाकू कहता था.
लड़के से संबंध और बाबरी मस्जिद का निर्माण
1526 में बाबर दिल्ली का बादशाह बना, लेकिन कुछ समय बाद बाबरी की मौत हो गई. फिर 1528 में बाबर ने अयोध्या में रामलला की जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया.