Video: कनाडा में भारतीय मूल की महिला पर खुलेआम हमला! भीड़ में कोई मदद करने नहीं आया... वीडियो हुआ वायरल

कनाडा के कैलगरी में एक भारतीय मूल की महिला पर ट्रेन प्लेटफॉर्म पर एक व्यक्ति ने हिंसक हमला किया और हैरानी की बात यह थी कि आसपास खड़े लोग उसे बचाने के बजाय बस देखते रहे. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया... जिससे नस्लीय हमले का आरोप भी लगा. हालांकि, पुलिस का कहना है कि यह हमला नस्लीय कारणों से नहीं था. क्या सच में ये हमला नस्लीय था? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें.

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Edited By: Aprajita

Canada: कनाडा के कैलगरी शहर में एक खौ़फनाक घटना सामने आई है जिसमें एक भारतीय मूल की महिला पर ट्रेन स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर एक व्यक्ति ने हिंसक हमला किया. यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और अब लोग इसे नस्लीय हमला मानने लगे हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि यह हमला नस्लीय रूप से प्रेरित नहीं था लेकिन वे प्रभावित समुदाय से संपर्क कर रहे हैं और इसकी जांच कर रहे हैं.

हमला और बिना किसी की मदद

वीडियो में दिखाया गया है कि हमलावर ब्रेडन जोसेफ जेम्स फ्रेंच नामक व्यक्ति ने महिला को पकड़कर उसे हिंसक तरीके से दीवारों से टकराया. उसने महिला के चेहरे पर पानी छिड़का और उसे बार-बार झकझोरते हुए उसका फोन छीनने की कोशिश की. हैरानी की बात यह है कि इस दौरान आसपास खड़े लोग बस देख रहे थे लेकिन किसी ने भी बीच-बचाव करने की कोशिश नहीं की. घटना रविवार को दोपहर करीब 1:40 बजे 3 स्ट्रीट एसई सीट्रेन स्टेशन प्लेटफॉर्म पर हुई थी. महिला ने हमले के बाद अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें सूचित किया. पुलिस ने गवाहों की मदद से हमलावर को महज 30 मिनट में पकड़ लिया. आरोपी पर डकैती के प्रयास का आरोप लगाया गया है.

पुलिस का बयान और समुदाय के लिए मदद

कैलगरी पुलिस ने कहा कि फिलहाल इस हमले को नस्लीय हमला नहीं माना जा रहा है, लेकिन उनकी विविधता संसाधन टीम ने प्रभावित समुदाय से संपर्क किया है. पुलिस का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समुदाय में चिंता का कारण बनती हैं, और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस ने घटना के बाद पीड़िता को सहायता भी प्रदान की है जो अब गोपनीयता की मांग कर रही है. पुलिस का कहना है कि वे मामले की पूरी जांच करेंगे और दोषी को सजा दिलवाने का पूरा प्रयास करेंगे.

सोशल मीडिया पर मिल रही प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. एक यूजर ने लिखा, 'अगर उल्टा होता तो पूरी चर्चा निर्वासन पर होती. अपराध करने वाले को सजा मिलनी चाहिए, दोनों पक्षों के लिए न्यायपूर्ण.' वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, 'दुख की बात यह है कि अगर लोग हस्तक्षेप करते हैं, तो वे मुसीबत में पड़ जाते हैं. मैंने एक बार एक व्यक्ति को एक वृद्ध को निशाना बनाने से रोका था और पुलिस ने मुझे ही कहा कि मुझे एक तरफ खड़ा हो जाना चाहिए था और पुलिस को फोन कर देना चाहिए था.' यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि भीड़ में कोई भी अपनी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता और समाज में हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना कितना मुश्किल हो सकता है. ऐसे मामलों में पुलिस की प्रतिक्रिया अहम होती है और अब देखना यह होगा कि इस घटना के बाद लोग और पुलिस क्या कदम उठाते हैं.

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25 March 2025, 09:55 PM IST

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