123 साल से जल रहा है लाइट बल्ब, कभी नहीं हुई फ्यूज या अन्य कोई खराबी, वैज्ञानिक भी हैरान
अब आइए जानते हैं इस बल्ब में क्या खास है.दरअसल, यह बल्ब शेल्बी इलेक्ट्रिक कंपनी द्वारा बनाया गया था. यह एक हस्तनिर्मित कार्बन-फिलामेंट बल्ब है, जो उस युग की तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है.

ट्रैडिंग न्यूज. आजकल एक बल्ब 2-3 साल तक चलता है. इसके बाद यह जल जाता है या टूट जाता है. लेकिन इस दुनिया में एक ऐसा बल्ब भी है जो 100 साल से भी ज्यादा समय से जल रहा है और आज भी जल रहा है. इस बल्ब का नाम "सेंटेनियल लाइट" है. यह दुनिया का सबसे लंबे समय तक चलने वाला प्रकाश बल्ब है, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया के लिवरमोर में फायर स्टेशन नंबर 6 पर स्थित है. यह बल्ब 123 वर्षों से जल रहा है और अभी भी काम कर रहा है. इसे पहली बार 1901 में जलाया गया था और तब से यह जल रहा है.
इस बल्ब की विशेष विशेषताओं के बारे में जानें
अब आइये जानते हैं इस बल्ब में क्या खास है. दरअसल, यह बल्ब शेल्बी इलेक्ट्रिक कंपनी द्वारा बनाया गया था. यह एक हस्तनिर्मित कार्बन-फिलामेंट बल्ब है, जो उस युग की तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है. शुरुआत में इसकी शक्ति 60 वाट थी, लेकिन अब यह केवल 4 वाट प्रकाश देता है, जो हल्के नारंगी रंग की तरह चमकता है.
दीर्घकालिक दहन अवस्था
इसका इतने लंबे समय तक जलने का कारण इसका डिज़ाइन और उपयोग है. ऐसा माना जाता है कि इसका मोटा रेशा और कम जलने का तापमान इसे टिकाऊ बनाता है. इसके अलावा, इसे शायद ही कभी बंद किया जाता था. इससे थर्मल शॉक (तापमान में अचानक परिवर्तन) के प्रभाव कम हो जाते थे.
बल्ब का इतिहास
यह बल्ब 1901 में लिवरमोर के एक स्थानीय व्यवसायी ने दान किया था. शुरुआत में इसका इस्तेमाल एक दुकान में किया गया, फिर 1903 में इसे अग्निशमन विभाग को दे दिया गया.1976 में इसे अग्निशमन केंद्र में स्थायी स्थान दे दिया गया और तब से यह वहां आकर्षण का केंद्र बन गया है.कुछ अवसरों पर बिजली कटौती या रखरखाव के कारण इसे बंद करना पड़ा.उदाहरण के लिए, 2013 में यह 9 घंटे तक बंद रहा, लेकिन फिर चालू हो गया.इसने विश्व रिकार्ड कायम किया.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया
इसे "विश्व का सबसे टिकाऊ प्रकाश बल्ब" बताया गया है.यह अब तक 1 मिलियन घंटे से अधिक समय से जल रहा है. आज भी यह बल्ब फायर स्टेशन पर जलता है और इसे वेबकैम के माध्यम से 24 घंटे लाइव देखा जा सकता है. लोग इसे "स्थायित्व का प्रतीक" मानते हैं और इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि पुरानी तकनीक से बने ये बल्ब आधुनिक बल्बों से अधिक शक्तिशाली थे, हालांकि इनसे रोशनी कम निकलती थी. यह बल्ब न केवल इंजीनियरिंग का चमत्कार है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी बन गया है