नदी में तैर रही बच्ची को मगरमच्छ ने बनाया अपना शिकार, 2 दिन बाद मिले अवशेष
Viral News: ऑस्ट्रेलिया में मगरमच्छों का आतंक बढ़ता जा रहा है. इस बीच हाल ही में नदी में तैरते हुई एक बच्ची को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया है. बच्ची की उम्र महज 12 साल थी. लड़की बीते दो दिन पहले यानि मंगलवार को उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में एक छोटी नदी में तैर रही थी. उसी समय मगरमच्छ उसे अपना शिकार बना लिया.
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Viral News: ऑस्ट्रेलिया से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. देश के उत्तरी भाग में मगरमच्छों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच हाल ही में नदी में तैरते हुई एक बच्ची को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया है. बच्ची की उम्र महज 12 साल थी. लड़की बीते दो दिन पहले यानि मंगलवार को उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में एक छोटी नदी में तैर रही थी. उसी समय मगरमच्छ उसे अपना शिकार बना लिया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिसके अवशेष आज यानि गुरुवार को बरामद हुए हैं. वहीं पुलिस अधिकारी सार्जेंट एरिका गिब्सन ने कहा कि लड़की के शरीर पर चोटों के निशान से मगरमच्छ के हमले की पुष्टि हुई है.
लड़की के मिले अवशेष
पुलिस अधिकारी सार्जेंट एरिका गिब्सन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि लड़की के अवशेष मिल गए हैं. ये बेहद ही दुखद और दिल झकझोरने वाली घटना है. उन्होंने आगे कहा कि मगरमच्छ को पकड़ने के लिए कोशिशें जारी है. ये खारे पानी के मगरमच्छ आसपास के ही जलमार्गों में रहते हैं. अधिकारी ने बताया कि एक छोटी नदी में तैरते समय लड़की लापता हो गई थी और उसे ढूंढने के लिए 36 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया गया.
इस बीच पुलिस ने मगरमच्छों से बचने के लिए लोगों से सावधानी बरतने की बात कही है. पुलिस के अनुसार मगरमच्छ पानी में छिपकर भी हमला कर सकते हैं. पुलिस ने लोगों से कहा कि वो नदियों में खुले में तैरने से बचें. जहां तैराकी को लेकर निर्देश दिए गए हों, सिर्फ उसी स्थान पर तैरें.
बता दें कि उत्तरी क्षेत्र में सरकार की तरफ से भी मगरमच्छों के हमलों के जोखिम से बचने के लिए लगातार लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. इससे पहले भी मगरमच्छ आबादी वाले इलाकों में काफी नुकसान पहुंचा चुके हैं.
बढ़ी है मगरमच्छों की संख्या
दरससल, ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण इलाके बुल्ला में एक बड़े मगरमच्छ को यहां रहने वाले लोग ही मारकर खा गए थे. क्योंकि यह मगरमच्छ लोगों के पालतू जानवरों को अपना शिकार बना रहा था. पुलिस के मुताबिक यह ना केवल पालतू जानवरों बल्कि इंसानों को भी अपनी चपेट में ले रहा था. 1970 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई कानून के तहत संरक्षित प्रजाति बनाए जाने के बाद से देश के उष्णकटिबंधीय उत्तरी भाग में मगरमच्छों की संख्या लगातार बढ़ रही है.