ऑनलाइन जॉब के झांसे में न आएं, जानें धोखाधड़ी से बचने के आसान तरीके!
ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स पर नौकरी ढूंढते वक्त धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई उम्मीदवार बिना जांच-पड़ताल किए अपनी निजी जानकारी दे देते हैं और इसका फायदा धोखाधड़ी करने वाले उठाते हैं. 75% लोगों का मानना है कि नौकरी पाने की चाहत में उम्मीदवार खुद भी आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं. सबसे ज्यादा धोखाधड़ी आईटी क्षेत्र में हो रही है. क्या आपको भी लगता है कि जॉब पोर्टल्स सुरक्षा के मामले में चूक कर रहे हैं? जानें पूरी रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ है!
Online Job Scams: आजकल की तेज़ी से बदलती दुनिया में नौकरी की तलाश करना किसी के लिए भी आसान नहीं है. नौकरी पाने की चाहत में युवा अक्सर ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स का सहारा लेते हैं. लेकिन यही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स कई बार धोखाधड़ी का रास्ता भी बन जाते हैं. नौकरी दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले स्कैमर्स युवाओं को अपनी जाल में फंसा लेते हैं और उनसे बड़ी रकम ऐंठ लेते हैं. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि नौकरी की तलाश में उम्मीदवार खुद भी किसी न किसी रूप में धोखाधड़ी के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार होते हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि 75% से ज्यादा लोग मानते हैं कि उम्मीदवार अपनी लापरवाही से धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं.
ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स के बढ़ते खतरे
रिपोर्ट के अनुसार, नौकरी पाने के चक्कर में कई लोग कंपनियों की साख और उनके ट्रैक रिकॉर्ड की जांच किए बिना पैसे दे देते हैं या निजी जानकारी साझा कर देते हैं, जिससे वे धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं. यह रिपोर्ट 'जीनियस कंसल्टेंट्स' द्वारा जारी की गई है, जो वर्कफोर्स स्टाफिंग और एचआर सेवाएं प्रदान करती है. इस रिपोर्ट में 1,427 कर्मचारियों से सर्वे किया गया था, जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे एफएमसीजी, तकनीकी, मैन्युफैक्चरिंग, टेलीकॉम, ई-कॉमर्स, रियल एस्टेट और बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) में कार्यरत थे.
सरकारी और नियामक निकायों की कमी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि केवल 28% लोग मानते हैं कि सरकार या नियामक निकाय नौकरी धोखाधड़ी रोकने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं. वहीं, 55% लोगों का कहना है कि इस दिशा में अभी भी कड़े उपायों की कमी है. एक और दिलचस्प बात यह सामने आई कि 87% लोग मानते हैं कि नौकरी संबंधी धोखाधड़ी मुख्य रूप से स्कैमर्स द्वारा की जाती है, जो नौकरी के बाजार का फायदा उठाते हैं. यह धोखाधड़ी अक्सर व्यक्तिगत होती है और इसमें धोखाधड़ी करने वाले उम्मीदवारों को आकर्षित करने के लिए चतुराई से योजनाएं बनाते हैं.
धोखाधड़ी के प्रकार और क्षेत्र
रिपोर्ट के अनुसार, 70% लोगों ने फर्जी नौकरी पोस्टिंग देखी हैं, जो उम्मीदवारों को आकर्षित करती हैं. वहीं, 26% लोग फर्जी भर्ती एजेंसियों से मिले हैं और 3% ने ऐसे मामले देखे हैं जिनमें पैसे मांगे गए. एक प्रतिशत लोग पहचान चोरी के मामलों का भी सामना कर चुके हैं. इस धोखाधड़ी का सबसे अधिक असर आईटी क्षेत्र पर पड़ा है, जहां 43% लोग मानते हैं कि यह क्षेत्र सबसे अधिक धोखाधड़ी संवेदनशील है. इसके अलावा रिटेल, ई-कॉमर्स, वित्तीय क्षेत्र और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.
ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स का असर
आजकल के डिजिटल युग में ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स ने भर्तियों को आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ ही यह धोखाधड़ी का एक नया रास्ता भी बन गए हैं. 65% लोग मानते हैं कि इन प्लेटफॉर्म्स की बढ़ोतरी के कारण धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 22% लोगों का कहना है कि इसने समस्या को थोड़ा बढ़ाया है.
क्या कहती है रिपोर्ट
इस रिपोर्ट से यह साफ है कि ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स ने जहां एक ओर नौकरी तलाशने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है, वहीं इसके साथ धोखाधड़ी की घटनाओं में भी तेजी आई है. उम्मीदवारों को चाहिए कि वे अपनी सुरक्षा के लिए पहले कंपनी की साख की जांच करें और किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी देने से पहले सावधानी बरतें. इसके साथ ही, सरकारी और नियामक निकायों को भी इस दिशा में कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे धोखाधड़ी के मामलों को रोका जा सके और नौकरी पाने के इच्छुक लोगों को सुरक्षित माहौल मिल सके.